परम पूज्य बाबा उमाकान्त जी महाराज के सानिध्य में विश्व के प्रथम बाबा जयगुरुदेव मंदिर का ऐतिहासिक शिलान्यास

 News from - बाबा जयगुरुदेव आश्रम , बावल (हरियाणा) 

हजारों भक्तों ने किया शिलान्यास कार्यक्रम का दर्शन

     शाकाहार, सदाचार, नशामुक्ति, शराब बंदी, युवा चरित्र निर्माण और भारत से गौ हत्या का कलंक मिटाकर गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने के साथ कलयुग में सतयुग आगमन के संकल्प के द्वारा देश-दुनियां में जयगुरुदेव नाम से लोगों के कष्ट हरने वाला बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के विश्व के प्रथम मंदिर का शिलान्यास उनके आध्यात्मिक उत्तराधिकारी पूज्य संत बाबा उमाकान्त जी महाराज के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। इस विशेष एवं ऐतिहासिक अवसर पर भारत के समस्त प्रान्तों के अलावा दुबई, अमेरिका, मॉरीशस, नेपाल समेत अनेक देशों से बड़ी तादाद में भक्तों का आगमन हुआ। 

इस मंदिर से कोई खाली हाथ वापस नहीं जाएगा

     उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के इस विलक्षण मंदिर की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि इस मंदिर में आकर माथा टेकने वाला गुरु महाराज की दया-दुआ से खाली हाथ वापस नहीं जाएगा। इतना ही नहीं इस स्थान पर बैठ कर साधना करने वाले गुरु महाराज की दया का अनुभव करेंगे,उन्हें ध्यान-भजन-सुमिरन में फायदा होगा। 

आज का दिन ऐतिहासिक-महाराज जी

     हरियाणा के बावल शहर में बन रहे बाबा जयगुरुदेव मंदिर आश्रम में कड़ाके की ठंड के बीच महाराज जी के दर्शनों के लिए उत्साहित भक्तों को सतसंग सुनाते हुए पूज्य संत बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि शिलान्यास का ये दिन ऐतिहासिक है और आप भाग्यशाली है जो आपको बाबा जयगुरुदेव जी के मंदिर के शिलान्यास में आने का अवसर मिला। साथ ही महाराज जी ने भक्तों को ईश्वर के दर्शन कराने वाले नामदान को देकर प्रतिदिन बिना आलस बिना नागा के ध्यान-भजन-सुमिरन करने का आदेश दिया। शिलान्यास और सतसंग के पश्चात महाराज जी ने पधारे लाखों भक्तों को दर्शन भी दिया। 

मंदिर निर्माण का कार्य गति से

     महाराज जी के सानिध्य में बन रहे मंदिर का भूमि पूजन 2 दिसंबर को किया गया था महाराज जी ने बताया कि भूमि पूजन का अर्थ भूमि को जागृत करना होता है।उसके पश्चात 4 दिसंबर को मंदिर की नींव डाली गई। उसके बाद से भक्तों द्वारा मंदिर निर्माण के लिए सेवा कार्य आरंभ कर दिया गया है। जिसमे आज शिलान्यास किया जा रहा है।मंदिर निर्माण के कार्य में भक्तों की लगन से सेवा देखते ही बनती है। देश के अलग-अलग प्रान्तों से सेवादार समूह बनाकर मंदिर निर्माण के लिए बावल पहुँच रहे है।