जयकारों के बीच हुआ नवीन जिनालय और कार्यालय का शिलान्यास

 News from - अभिषेक जैन बिट्टू

आचार्य श्री के सानिध्य में स्वर्ण, रजत और ताम्र शिलाएं की स्थापित

     जयपुर। शुक्रवार को मानसरोवर के वरुण पथ स्थित दिगंबर जैन मंदिर पर आचार्य सुनील सागर महाराज और आचार्य शशांक सागर महाराज ससंघ सानिध्य में " त्रिदिवसीय धर्म प्रभावना महोत्सव " का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर प्रातः 6 बजे आचार्य श्री के मुखारविंद भगवान महावीर स्वामी के स्वर्ण कलशों से कालशाभिषेक और शांतिधारा का आयोजन हुआ। 

     इस दौरान 50 से अधिक श्रेष्ठियों द्वारा कालशाभिषेक किया गया। प्रातः 8.15 बजे धर्मसभा, प्रातः 11.30 बजे से नवीन जिनालय और कार्यालय का शिलान्यास हुआ। जिसमें श्रेष्ठी परिवारों द्वारा स्वर्ण, रजत और ताम्र शिलाएं मंत्रोच्चार के साथ आचार्य श्री के सानिध्य में स्थापित की गई। दोपहर 2 बजे आचार्य सम्मति सागर विधान पूजन का आयोजन किया गया, जिसमे 60 परिवारों ने आचार्य श्री का पूजन अष्ट द्रव्यों और भजनों के गुणगान के साथ किया। 

     शाम 6 बजे श्रीजी और गुरुदेव की 108 दीपों मंगल आरती की और अंत में 48 दीपों के साथ भक्तामर मंडल दीप महाअर्चना का आयोजन श्रद्धा-भक्ति के साथ किया गया। नवीन जिनालय का सौभाग्य सतीश कासलीवाल परिवार और कार्यालय बनवाने का सौभाग्य विख्यात वास्तुविद् बुद्धि प्रकाश गोधा परिवार को प्राप्त हुआ, इस अवसर पर सुरेश जैन बांदीकुई, श्रीमती सुशीला जैन, सुनील, पंकज गंगवाल, पदमचंद जैन भरतपुर वाले, हेमेंद्र रोबिन सेठी सहित विभिन्न श्रेष्ठियों ने स्वर्ण शिला स्थापित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

बसंत पंचमी पर आचार्य सुनील सागर की अगवानी में उमड़ा मानसरोवर का सागर 

     प्रचार संयोजक अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया की देश के 74 वें गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी के पावन अवसर शहर के मानसरोवर स्थित वरुण पथ दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य सुनील सागर महाराज सहित 40 से अधिक मुनिराजो और आर्यिका माताजी का भव्य शोभायात्रा के साथ अपार जनसमुदाय की भक्तिमय अगवानी में शाम 5.15 बजे मंगल प्रवेश हुआ। जिनालय के दर्शन पश्चात धर्मसभा आयोजित हुई जिसका शुभारंभ समाजसेवी सुरेशचंद कनक लता जैन बांदीकुई वालों और विनय सौगानी द्वारा भगवान महावीर स्वामी के सम्मुख चित्र अनावरण और दीप प्रवज्जलन कर किया। इसके उपरांत आचार्य सुनील सागर महाराज ने धर्म सभा को संबोधित किया। 

मानसरोवर वो होता है जहां हंस पाए जाते है, श्रावक भी हंस की जिनवाणी के मोती चुगकर अपना जीवन उज्ज्वल बनाते है - आचार्य सुनील सागर 

     आचार्य सुनील सागर महाराज ने कहा " जब बसंत आता है तो प्रकृति मुस्कुराती है और जब नगर में संत आते है तो संस्कृति महक जाती है, खिल जाती है। संत आते है तो समाज मे, नगर में सुख, शांति, समृद्धि और सुसंस्कारों की लहर दौड़ जाती है। मानसरोवर वो होता है जहां हंस जाते है, पाए जाते है तो यह श्रमण जो कि अध्यात्म जगत के राज हंस होते है और इनके आदर्शों पर चलकर श्रावक भी अपना जीवन हंस की तरह धर्म जिनवाणी के मोती चुगकर उज्ज्वल बनाते है।

आज (शनिवार) मनाया जायेगा आचार्य सन्मति सागर महाराज का 84 वा जन्मजयंती व आचार्य सुनील सागर महाराज का 17 वा आचार्य पदारोहण महोत्सव 

     मंत्री जेके जैन ने बताया कि शनिवार को तृतीय पट्टाचार्य, तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मति सागर महाराज का 84 वां जन्मजयंती एवं चतुर्थ पट्टाचार्य आचार्य सुनील सागर महाराज का 17 वां आचार्य पदारोहण महोत्सव मनाया जायेगा। इस अवसर पर प्रातः 6 बजे कालशाभिषेक एवं शांतिधारा, प्रातः 8.15 बजे धर्मसभा, दोपहर 1 बजे 13 पुण्यार्जक परिवारों द्वारा आचार्य सन्मति सागर महाराज की अर्चना और 84 परिवारों द्वारा दीपकों के साथ विशेष अर्चना होगी।

     इस अवसर पर विद्धानों एवं मुनिराजों व आर्यिका माताजियों द्वारा विन्यांजली सभा का आयोजन होगा। शाम 6 बजे से श्रीजी की मंगल आरती एवं आचार्य सन्मति सागर महाराज के चित्र सम्मुख 84 दीपों से गुरु अर्चना का भव्य आयोजन गीत-संगीत के साथ संपन्न होगा।