जन सहभागिता के साथ पूर्ण की अयोध्या से रामेश्वरम की श्री राम वन गमन साइकिल यात्रा

News from - Sumit Shrivastav 

     धर्म की नगरी अयोध्या से चलकर रामेश्वरम के लिए श्री राम वन गमन पथ पर चल रहे युवा अभिषेक सावंत अयोध्या से रामेश्वरम लगभग 8000 किलोमीटर की साइकिल से यात्रा 120 दिनों में पूर्ण कर चुके हैं। श्रीराम वन गमन की यात्रा कर चुके अभिषेक सावंत बताते हैं कि श्री राम वन गमन पथ हमारी भारतीय सनातन संस्कृति की एक धरोहर है जिसके संरक्षण और संकलन के लिए उन्होंने अयोध्या से रामेश्वरम की साइकिल से यात्रा पूर्ण की।

     अभिषेक सावंत कहते है श्रीराम के वनवास के लगभग सभी पौराणिक मंदिरों और स्थलों पर जाकर न सिर्फ मंदिर की तात्कालिक इस्थिति से परिचित हुए बल्कि स्थानीय लोगो से मिलकर श्रीराम वन गमन और रामायण सर्किट से पर्यटन को जोड़ने का कार्य किया। 

     अयोध्या डायरी टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिषेक सावंत साक्षात्कार में बताते है कि श्री राम वन गमन की साइकिल यात्रा का उद्देश्य युवा पीढ़ी को न सिर्फ अयोध्या बल्कि राम वन गमन पथ के स्थलों से अवगत करवाना है| पर्यटन में जागरूकता के साथ पर्यावरण, नदियों का संरक्षण, कला संस्कृति का संरक्षण जैसे लक्ष्य को लेकर शैक्षणिक संस्थानों में छात्र-छात्राओं के बीच जाना है। 

     अभिषेक कहते है कि श्रीम वन गमन साइकिल यात्रा पूर्ण रूप से उसी प्रकार आगे बढ़ रही है जैसे श्रीराम जनसहयोग से वनवास के दिनो को व्यतीत करते थे। आमजन से संस्कृति को जोड़ना, वन पथ गमन की जानकारी देना और उसके संरक्षण के लिए सरकार से अवगत कराना भी इस यात्रा का उद्देश्य है। आज भी कई ऐसे मंदिर है जहां न ही सड़कें है और न ही बिजली की व्यवस्था ऐसे में श्रीराम वन गमन पथ को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सभी राज्यों की सरकारों को आगे आना चाहिए। 

     जब उत्तर प्रदेश में तीर्थ स्थलों और पर्यटन स्थानों को विकसित किए जाने की कवायद हो रही है तो तमसा नदी अयोध्या, सई नदी प्रतापगढ़, देवघाट प्रतापगढ़, ऋषियन चित्रकूट, सुजावन देव प्रयागराज, दशरथ घाट चित्रकूट का विकास किया जाना चाहिए जोकि श्रीराम के वनवास से जुड़े है और जिनका वर्णन रामायण और श्रीराम चरित मानस में किया है। 

     अभिषेक सावंत की यह यात्रा एक शोधपरक यात्रा है जोकि श्री राम वन गमन के पथ उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र तेलंगाना कर्नाटक और तमिलनाडु से होकर गुजरी। साइकिल यात्रा में कई संस्थाओं और शैक्षणिक संस्थाओं का भी सहयोग प्राप्त हो रहा है। यात्रा की पूर्ति करने के उपरांत लखनऊ पहुंचने पर धीरज श्रीवास्तव, सुमित श्रीवास्तव, विशाल श्रीवास्तव (अधिवक्ता हाई कोर्ट), कुणाल, मनु श्रीवास्तव, अभिषेक श्रीवास्तव, हर्षित खरे, प्रत्युष श्रीवास्तव, शिखर श्रीवास्तव ‘जय’ आदि।