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संगोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती वंदन के साथ हुआ
जयपुर। आज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सांगानेर विभाग के संघचालक श्री रामकरण जी ने नागरिकों के अधिकारों सहित संविधान के गूढ़ रहस्यों पर चर्चा करते हुए सभी को एकता, अखंडता, स्वाभिमान, मर्यादा, निडर, सौहार्द, देशभक्त, विविधता में एकता का संदेश दिया।
मुख्य वक्ता श्री गुरुचरण गिल (अतिरिक्त महाधिवक्ता, राजस्थान सरकार) ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। विषय था 'हम भारत के लोग' . उन्होंने संविधान के मूल स्वरूप में, प्रत्येक अध्याय में, छपे चित्रों का संविधान के निर्माण से संबंध को सबके सामने रखा।
डॉ गिल ने सारगर्भित अपने उद्बोधन में बताया कि किस प्रकार संविधान के निर्माताओं ने नंदी, भगवान् श्री राम, महाभारत, शिवाजी महाराज, भगवान् महावीर जैसे अनेक महान आदर्शों को सम्मिलित किया। जिनपर आधारित शिक्षाओं, उपदेशों, कर्तव्यों को हमें अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है।
दीपशिखा कला संस्थान के चेयरमैन डॉ. प्रेम सुराणा और वाइस चेयरमैन डॉ. अंशु सुराणा ने वक्ताओं और आगंतुकों का स्वागत किया। दीपशिखा ग्रुप ऑफ कॉलेजेज सीतापुरा कैम्पस के डॉयरेक्टर डॉ अशोक सिंह शेखावत ने मुख्य वक्ता गुरुचरण गिल (अतिरिक्त महाधिवक्ता, राजस्थान सरकार) को बुके एवं मेमेंटो भेंट कर स्वागत एवम अभिनंदन किया।
रीजनल कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ. केदार नारायण बैरवा ने मुख्य अतिथि श्री रामकरण जी विभाग संघचालक, सांगानेर विभाग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बुके एवं मेमेंटो भेंट कर स्वागत एवम अभिनंदन किया। कार्यक्रम के समापन पर डॉ. शेखावत ने सभी का धन्यवाद प्रेषित किया।
इस अवसर पर रीजनल कॉलेज के डॉ. ताराचंद कुमावत, सौरभ पाटनी, डॉ धर्मेन्द्र सक्सैना, ई. महेंद्र सैनी, ई. अश्विनी कुमारी, ई. चेतन कुमार मीणा, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी डॉ. अंकित गांधी, डॉ. केसर चौधरी, कैप्टन गोपाल सिंह, पूजा शर्मा, वेद प्रकाश, बी.एल. पारीक की गरिमामई उपस्थिति रही।