मंदी के बीच सरकार के फैसले से IMF गदगद, कहा- बढ़ेगा निवेश

आईएमएफ ने कॉरपोरेट टैक्‍स कटौती के फैसले को सराहा - आईएमएफ के मुताबिक 2020 में GDP 7 फीसदी रह सकती है


अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कॉरपोरेट टैक्स कटौती के फैसले की सराहना की है. इसके साथ ही कहा है कि कॉरपोरेट टैक्‍स में कटौती की वजह से देश में निवेश बढ़ेगा.



क्‍या कहा आईएमएफ ने - आईएमएफ के मुताबिक आरबीआई मौद्रिक नीति के रेपो रेट में कटौती के फैसलों और कॉरपोरेट टैक्‍स के मोर्चे पर राहत की वजह से भारत में निवेश तेज होने की उम्मीद है. हालांकि इसके साथ ही आईएमएफ ने सलाह दी कि भारत को वित्तीय स्थिति में लंबी अवधि के लिए स्थिरता सुनिश्चित करनी चाहिए. आईएमएफ की डिप्टी डायरेक्टर (एशिया एंड पैसिफिक डिपार्टमेंट) एन्ने-मैरी गुल्डे-वॉफ ने कहा कि भारत को नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सेक्टर की समस्याओं का समाधान करना चाहिए. उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकारी बैंकों को पूंजी मुहैया करवाने जैसे प्रयासों से बैंकिंग सेक्टर में सुधारों की प्रक्रिया जारी है.


जीडीपी के मोर्चे पर दिया था झटका - बता दें कि बीते मंगलवार को आईएमएफ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भारत की जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया था. आईएमएफ के मुताबिक 2019 में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी रह सकती है. हालांकि उसे उम्मीद है कि 2020 में इसमें सुधार होगा और तब देश की ग्रोथ रेट 7 फीसदी पर रह सकती है. यह (2019 की दर) 2018 में भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 6.8 फीसदी से भी कम है. 


क्‍या है कॉरपोरेट टैक्‍स पर सरकार का फैसला - दरअसल, बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्‍स कटौती का ऐलान किया था. इसके तहत अब घरेलू कंपनियों पर बिना किसी छूट के इनकम टैक्स 22 फीसदी लगेगा. वहीं इसमें सरचार्ज और सेस जोड़ने के बाद कंपनी को 25.17 फीसदी टैक्‍स देना होगा. सरकार के इस फैसले का फायदा देश की उन बड़ी कंपनियों को मिलेगा जो पहले 30 फीसदी के कॉरपोरेट टैक्‍स स्‍लैब में आती थीं. कॉरपोरेट टैक्स को सरकार के रेवेन्यू का अहम हिस्सा माना जाता है. सरकार के नए फैसले के बाद राजस्‍व पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की आशंका है.


नए निवेश पर राहत - इसके साथ ही सरकार ने नए निवेश करने वाली घरेलू कंपनियों को भी टैक्‍स के मोर्चे पर राहत दी. अब 1 अक्टूबर 2019 के बाद मैन्युफैक्चरिंग कंपनी स्थापित करने वाले कारोबारियों को 15 फीसदी की दर से इनकम टैक्स देना होगा. इससे पहले नए निवेशकों को 25 फीसदी की दर से टैक्‍स देना होता था. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से कारोबारी नई कंपनियों पर जोर देंगे. वहीं सुस्‍त पड़ चुकी स्‍टार्टअप योजना को भी बढ़ावा मिल सकता है. ऐसी स्थिति में नए रोजगार का सृजन होगा.