वीर सावरकर पर कांग्रेस में अलग-अलग सुर, सिंघवी बोले- उनके योगदान को नहीं भुला सकते









 
















विनायक दामोदर सावरकर उर्फ वीर सावरकर को भारत रत्न देने की महाराष्ट्र भाजपा की मांग पर पैदा हुए विवाद के बीच कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने उनकी तारीफ की है। सिंघवी ने सोमवार को कहा कि सावरकर ने न सिर्फ आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई बल्कि देश के लिए वह जेल भी गए। सिंघवी का यह बयान ऐसे में आया है, जब कांग्रेस ने सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की आलोचना की है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सिंघवी ने सोमवार को ट्वीट किया, 'निजी तौर पर मैं सावरकर की विचारधारा से सहमत नहीं हूं, लेकिन इस तथ्य से इन्कार नहीं किया जा सकता कि वह एक कुशल व्यक्ति थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई में भूमिका निभाई, दलित अधिकारों के लिए लड़े और देश के लिए जेल गए।'
























सिंघवी की इस टिप्पणी से कुछ ही दिन पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी सावरकर की सराहना की थी। पिछले हफ्ते मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस में उन्‍होंने कहा था, 'हम सावरकर जी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम उस हिंदुत्व के विचारधारा के खिलाफ हैं, जिसके साथ सावरकर जी खड़े थे।' उन्होंने यह भी कहा था कि इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए सावरकर की याद में डाक टिकट जारी किया था। दरअसल, भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र में कहा था कि पार्टी अगर दोबारा सत्ता में आती है तो वह केंद्र सरकार से सावरकर और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न देने की मांग करेगी। महाराष्ट्र भाजपा की इस मांग की कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने आलोचना की थी। कांग्रेस ने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या के मामले में सावरकर के खिलाफ भी आपराधिक मामला चला था, भले ही वो बरी हो गए थे।कांग्रेस बेचैन, सिंघवी का यूटर्न -  समाचार के मुताबिक कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने कहा कि सिंघवी के बयान से पार्टी बेचैन हो गई। कांग्रेस को सिंघवी से ऐसी टिप्पणी की उम्मीद नहीं थी। पार्टी ने उनसे तुरंत अपने ट्वीट को स्पष्ट करने को कहा, अन्यथा पार्टी को नुकसान होगा। वहीं सिंघवी ने तुरंत यू-टर्न ले लिया। उन्होंने तुरंत दूसरा ट्वीट किया और कहा, 'वह सावरकर के अंधराष्ट्रवाद और गांधीवाद के विरोध से सहमत नहीं हो सकते हैं।'