कड़ी सुरक्षा के बीच लोगों ने कार्तिक पूर्णिमा पर लगाई गंगा, गोमती और सरयू में डुबकी

     अयोध्या में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्थानीय सरयू नदी में डुबकी लगायी. फैसले के बाद यह पहला मौका है जब मंदिरों के शहर में धार्मिक समागम हो रहा है. लोग सुबह से ही घाटों पर एकत्र होने लगे और सड़कों पर लाउडस्पीकरों पर भजन बज रहे थे. पड़ोसी जिलों से आए श्रद्धालु कल रात से ही नदी के पास जमे हुए थे. (फोटो - सरयू तट पर स्नान) 



   गोरखपुर जिले से आये एक किसान कोल्हाई ने बताया,"मैने तड़के दो बजे सरयू नदी में डुबकी लगायी और स्नान किया. मैं पिछले 20 साल से प्रत्येक कार्तिक पूर्णिमा पर यहां आ रहा हूं." कोल्हाई 62 साल के हैं और कहते हैं, "यहां डुबकी लगाना पूरी तरह से आनंददायक है. और यही कारण है कि हम यहां आते हैं. इस बार का स्नान बहुत खास है क्योंकि सु्प्रीम कोर्ट के फैसले ने यहां हमारे राम लला का मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है." गोंडा जिले के रहने वाले सतीश पांडे (55) सरयू नदी में डुबकी लगाने के लिए साइकिल चला कर अयोध्या पहुंचे हैं. हालांकि कई लोगों ने उन्हें यहां आने से मना किया था. किसान ने कहा, "मेरे गांव में कई लोगों ने कहा कि अयोध्या में बहुत अधिक सुरक्षा व्यवस्था है और कई इलाकों में आने जाने पर प्रतिबंध है. लेकिन मुझे इस शुभ अवसर पर प्रभु श्री राम का आशीर्वाद लेने यहां आना था. और वह मेरे सबकुछ हैं इसलिए मुझे डर नहीं लगा."


सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला - सु्प्रीम कोर्ट ने लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद पर शनिवार को अपने फैसले में एक न्यास के माध्यम से राम मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया और मस्जिद निर्माण के लिए शहर के प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ आवंटित करने के लिए कहा था. न्यायालय के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद यह पहली कार्तिक पूर्णिमा है और स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं. प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर यहां आये हैं.


यूपी भर में रही कार्तिक पूर्णिमा की धूम - कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा, गोमती और सरयू नदियों में डुबकी लगाई. लखनऊ में गोमती नदी के मनकामेश्वर घाट पर भी श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. प्रयागराज में संगम के तट पर भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. प्रयागराज स्थित 'रामनाम बैंक' और राम सेवा न्यास के संयोजक आशुतोष वार्ष्णेय ने कहा, “यह कार्तिक मास की पूर्णिमा है. इसे देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है. यानि ऐसी दीपावली जिसे देवता मनाते हैं. यह पर्व दिवाली के पंद्रह दिन बाद मनाया जाता है.”