खारे पानी की सबसे बड़ी सांभर झील में महामारी से हजारों देशी-विदेशी पक्षी मृत

राजस्थान राज्य की खारे पानी की सबसे बड़ी सांभर झील में देशी-विदेशी हजारों पक्षी मृत मिले। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासनिक, वनविभाग और एनजीओ के लोग मौके पर पहुंचे। जयपुर से मेडिकल टीम बुलवाकर मृत पक्षियों के सैंपल लुधियाना और भोपाल लैबाें में भिजवाए गए हैं। जांच रिपोर्ट 4-5 दिन में आएगी। इसके बाद ही पक्षियों की मौत के कारणाें का खुलासा हो पाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, झील क्षेत्र में 15 प्रजातियों के करीब 1000 पक्षी मृत पड़े थे। कई पक्षियों की हालत ऐसी थी कि वो अपने दम पर उठ भी नहीं पा रहे थे। वन कर्मचारियों ने झील क्षेत्र से घायल पक्षियों को इलाज के लिए किनारे पर लेकर आए।


पक्षियों की मौत सिलसिला 15 दिन से जारी था - वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पक्षियों की मौत का मामला 10-15 दिन पुराना प्रतीत हो रहा है। जांच के बाद ही पक्षियों की मौत के कारणों के बारे में स्पष्ट कहा जा सकता है। 


मृत पक्षियों में मुख्यत: रिंगू फ्लेवर, केंटिस फ्लेवर, टिनिप फ्लेवर, ब्लेक टेल स्टिल्ट, ग्रीन स्टइंट, गार्गने, कॉमन कूट, लेसर विजसलिग, रफ, नॉर्दन सर्वलर, पलास गर्ल, कैस्पियन गल, पाइड इवोसेट प्रजाति के पक्षी शामिल हैं।


सर्दियों में आते हैं विदेशी पक्षी - साइबेरिया के अलावा विभिन्न ठंडे देशों में पानी जम जाने के कारण वहां के पंछी भारत आते हैं। सर्दियों के मौसम में भारत की विभिन्न नदियों और जलाशयों में यह अठखेलियां करते देख जाते हैं। शीत ऋतु समाप्त होते ही ये पक्षी अपने देशों को चले जाते हैं।