उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान दंगाइयों ने मदद के लिए पहुंचने वाली पुलिस और दमकल की गाड़ियों को गलियों में घुसने से रोकने की साजिश भी रची थी। उन्होंने गलियों के मुहाने को बंद कर दिया। इसके लिए जली हुई गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया। इनका ढेर गली के बाहर लगाकर उन्होंने टीले जैसा बना दिया। ऐसे में हिंसा की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस व दमकल की गाड़ियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
करावल नगर, जाफराबाद, मौजपुर और चमनपुरी सहित अन्य इलाकों में दंगाइयों ने तीन दिन तक जमकर उपद्रव मचाया। दंगाइयों को पुलिस की गाड़ियां मौके पर पहुंचने की चिंता थी। इसके लिए उन्होंने गलियों के मुहाने बंद करने की साजिश रची। उन्होंने जली गाड़ियां लाकर बाहर टीले जैसा बना दिया। ऐसी कोई गली नहीं थी, जिसे दंगाइयों ने बंद करने की कोशिश नहीं की हो।
आग की सूचना पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने दंगाइयों को यह साजिश पूरी करते अपनी आंखों से देखा। उन्हें जल रही दुकानों तक पहुंचने के लिए कहीं से भी रास्ता नहीं दिख रहा था। पुलिस ने रास्ते को खाली करने के लिए कबाड़ को काफी मशक्कत से हटाया। रास्ता खुलने तक काफी देर हो चुकी थी। तब तक दुकानें जल चुकी थीं। पुलिस की जांच में भी दंगाइयों की इस साजिश का खुलासा हो गया है। पुलिस का कहना है कि रास्ते को बंद करने वाले दंगाइयों में से कुछ की पहचान हो गई है। उनकी धर-पकड़ की जा रही है।