शहीद मेजर विभूति की पत्नी बनेंगी सेना में अधिकारी - रुला गई थी पति संग उनकी आखिरी मुलाकात

     मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल पिछले साल 18 फरवरी को ही पुलवामा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उनकी पत्नी निकिता कौल भी अब जल्द अपने पति के नक्शेकदम पर चलती दिखाई देंगी। वह जल्द ही सेना में अधिकारी के रूप में नजर आ सकती हैं।


(File Photo - मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल - उनकी पत्नी निकिता कौल)



     आज ही के दिन पिछले साल पुलवामा में आतंकियों से लोहा लेते हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल शहीद हो गए थे। तब उनकी पत्नी निकिता कौल के साथ उनकी आखिरी मुलाकात ने सभी की आंखें नम कर दी थीं। शादी के 10 महीने बाद ही पति को खोने पर निकिता ने भी सेना में जाने का मन बनाया था। इसके लिए उन्होंने सारी परीक्षाएं और इंटरव्यू भी पास कर लिए हैं। निकिता अब मेरिट लिस्ट के इंतजार में हैं।


शादी को हुए थे सिर्फ 10 महीने - पुलवामा हमले के बाद सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। 18 फरवरी 2019 को पुलवामा के पिंगलिना गांव में आतंकियों से हुए एनकाउंटर में मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल शहीद हो गए थे। मेजर विभूति देहरादून के रहने वाले थे। उनकी शादी को तब सिर्फ 10 महीने हुए थे। 19 अप्रैल 2018 को निकिता कौल के साथ उन्होंने सात फेरे लिए थे।



निकिता के बेस्ट फ्रेंड भी थे मेजर विभूति - पति को अंतिम विदाई देते वक्त निकिता ने कहा था, 'आपके जैसा पति मुझे मिला, मैं बहुत सम्मानित हूं। मैं हमेशा तुमको प्यार करती रहूंगी विभू। तुम हमेशा जिंदा रहोगे। आई लव यू विभू।' मेजर विभूति न सिर्फ निकिता के पति बल्कि उनके बेस्ट फ्रेंड भी थे।




सेना में शामिल होने के लिए तैयार निकिता - पति की शहादत के बाद निकिता ने सेना में शामिल करने की इच्छा जताई थी। निकिता कौल ने पिछले साल नवंबर महीने में एसएससी का एग्जाम दिया था और अब वह अपने पति के नक्शेकदम पर चलते हुए सेना में शामिल होना चाहती हैं। फिलहाल वह मेरिट लिस्ट का इंतजार कर रही हैं।



बचपन से ही सेना मेंं शामिल होना चाहते थे मेजर विभूति - 34 साल के मेजर विभूति ढौंडियाल सेना के 55 आरआर (राष्ट्रीय राइफल) में तैनाथ थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। मेजर विभूति को बचपन से ही सेना में शामिल होने का जुनून था। वह दो बार फेल भी हुए लेकिन फिर आखिरकार उन्हें सफलता मिली।



मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित मेजर विभूति - शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के अदम्य साहस को देखते हुए उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। 18 फरवरी को ऑपरेशन शुरू हुआ तो आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। टीम का नेतृत्व कर रहे विभूति ढौंडियाल के सीने और गले में गोली लग गई थी। मेजर विभूति की टीम ने दो आतंकी मार गए।