शिक्षकों के वेतन में वृद्धि पर फैसला शीघ्र - साढ़े तीन लाख शिक्षकों को होगा फायदा

     राज्य के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों के दिन बहुरने वाले हैं। सरकार उनको राज्यकर्मियों की तरह सातवें वेतनमान के मूल क्रम में शामिल करना चाह रही है। सरकार के स्तर पर उन्हें सातवें - आठवें क्रम का वेतन देने पर विचार चल रहा है। जल्द ही इस पर फैसला होगा। ऐसा हुआ तो शिक्षकों को न सिर्फ अर्थिक लाभ होगा, बल्कि प्रोन्नति में भी उन्हें लाभ मिलेगा।



     मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने विधान परिषद में यह घोषणा की कि सरकार शिक्षकों को सातवें वेतनमान में लेवल सात और आठ का वेतन देने पर विचार कर रही है। जल्द ही, इस मसले पर फैसला हो जाएगा। अभी इन्हें सातवें वेतनमान के आलोक में 2.57 के गुणक में वेतन दिया जा रहा है। 


बताया गया कि यदि सातवां -  आठवां क्रम लागू हुआ तो इसके तहत उनके मूल वेतन का निर्धारण 2.62 के गुणक के आधार पर होगा। विदित हो कि सरकार सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन का लाभ तो शिक्षकों को दे रही है लेकिन, उसे मूल क्रम में शामिल नहीं किया गया है। अगर लेवल सात व आठ का वेतन दिया जाएगा तो जिस शिक्षक को अभी 30 हजार रुपये मिलते हैं, उन्हें लगभग 45 हजार रुपये मिलने लगेंगे।


2742 स्कूलों में मानदेय पर प्रहरी रखे जाएंगे - राज्य के 2742 स्कूलों में मानदेय पर प्रहरी रखे जाएंगे। इसी के साथ जो स्कूल अपग्रेड किये गये हैं, वहां भी जल्द प्रबंध समिति का गठन किया जाएगा। सरकार ने स्कूलों की प्रबंध समिति से इसके लिए राशि की व्यवस्था करने के लिए कहा था, लेकिन व्यवस्था नहीं होने पर शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को सवा आठ करोड़ भेजा है। प्रहरी को पांच हजार मानदेय के रूप में देना है। 



  •  -शिक्षकों का वेतन होगा ड्योढ़ा प्रोन्नति में भी मिलेगा फायदा
    -हड़ताली शिक्षकों से बात करने की सभी दलों ने सरकार से की अपील
    -08 वें क्रम का वेतन मिल सकता है नियोजित शिक्षकों को 


पानी पिलाने वालों से भी कम वेतन मिलता है - पूरक प्रश्न के क्रम में तीनों सदस्यों ने शिक्षकों की हड़ताल का मामला उठाया। कहा कि सरकार जब सब कुछ दे ही रही है, तो शिक्षकों से वार्ता क्यों नहीं कर रही है। मंत्री ने इसका जवाब एक शेर पढ़कर दिया। रामचन्द्र पूर्वे ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं। लेकिन, उन्हें उनको पानी पिलाने वाले से भी कम वेतन मिलता है। इसको दूर किया जाना चाहिए।