ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने के बाद बीजेपी का दामन थाम लिया है। सिंधिया ने बुधवार को बीजेपी हेडक्वॉर्टर में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ली। सिंधिया बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए।
- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, मध्यप्रदेश के लिए जो सपना देखा था, बिखर चुके हैं
- कहा, मध्यप्रदेश में किसान और युवा त्रस्त, पनप रहा भ्रष्टाचार, चल रहा ट्रांसफर उद्योग
- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, पीएम मोदी में भविष्य की चुनौतियों को परखने की क्षमता
- सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में रहकर अब जनसेवा का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता था
ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बदल चुकी है और अब उसके जरिए जनसेवा संभव नहीं थी। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की और कहा कि उनके हाथ में देश का भविष्य पूरी तरह सुरक्षित है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि वहां किसान, युवा त्रस्त हैं और भ्रष्टाचार पनप रहा है। उन्होंने अपने कांग्रेस छोड़ने के कारणों में 'कांग्रेस पार्टी में वास्तविकता से इंकार' और 'नई सोच, विचारधारा और नए नेतृत्व को मान्यता नहीं मिलना' बताया।
'मेरे जीवन में दो तारीखें सबसे महत्वपूर्ण' - ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए अपने पिता को भी याद किया। उन्होंने कहा, 'मेरे जीवन में दो तारीखें बहुत महत्वपूर्ण रहीं। पहला दिवस है 30 सितंबर 2001, जिस दिन मैंने अपने पूज्य पिताजी को खोया। वह मेरे लिए जीवन बदलने का दिवस था। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020, जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी, जहां जीवन में एक नई परिकल्पना, नया मोड़ का समाना करके मैंने एक निर्णय लिया है। मैंने सदैव माना है कि राजनीति का लक्ष्य जनसवा होना चाहिए।'
'कांग्रेस पार्टी बदल चुकी है' - ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ' कांग्रेस पार्टी में रहकर मैंने 18-19 वर्षों में पूरी श्रद्धा के साथ देश-प्रदेश की सेवा करने की कोशिश की है। लेकिन मन दुखी है कि जो स्थिति आज उत्पन्न हुई है, मैं कह सकता हूं कि जनसेवा के लक्ष्य की पूर्ति उस संगठन से नहीं हो पा रही है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में जो स्थिति कांग्रेस पार्टी में है वह कांग्रेस पार्टी आज नहीं रही जो पहले थी।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी वास्तविकता से इनकार करती है, नई सोच, विचारधारा और नए नेतृत्व को मान्यता नहीं दी जाती है।