होली के बाद दिल्ली बीजेपी में होंगे बड़े बदलाव - मिल सकता है नया अध्यक्ष

     दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद दिल्ली बीजेपी में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली भाजपा को रुके हुए सदस्यता अभियान को नए सिरे से शुरू करने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने सदस्यता अभियान चलाया था। दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का कार्यकाल भी नवंबर में पूरा हो चुका है, उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते एक्सटेंशन दिया गया था। 


पूरा हो चुका है मनोज तिवारी का कार्यकाल - दिल्ली भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का नवंबर 2019 में पूरा हो चुका है। भाजपा के नियमों के हिसाब से देखें तो मनोज तिवारी के तीन साल का कार्यकाल पिछले साल ही पूरा हो चुका है। वह नवंबर 2016 में प्रदेश अध्यक्ष बने थे। वैसे बीजेपी का इतिहास देखें तो जिन प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल चुनाव के आसपास खत्म नहीं हुआ, उन्हें दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी जरूर मिली।


   इनमें ओपी कोहली, मांगेराम गर्ग आदि शामिल हैं लेकिन जिस भी प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल में पार्टी चुनाव हारी, हाईकमान ने उनका इस्तीफा ले लिया। इनमें 1998 में केदारनाथ साहनी, 2003 में मदनलाल खुराना, 2008 में डॉ़ हर्षवर्धन, 2013 में विजय गोयल और वर्ष 2015 के विधानसभा में विधानसभा चुनाव की हार के बाद सतीश उपाध्याय का इस्तीफा शामिल है। 


नया अध्यक्ष करेगा संगठन में बदलाव - दिल्ली बीजेपी को अगर नया अध्यक्ष मिलता है तो माना जा रहा है कि संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव किया जाएगा। इनमें जिला अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, पार्टी के महामंत्री, उपाध्यक्ष समेत तमाम मोर्चा अध्यक्ष भी शामिल हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी के सामने दो साल बाद होने वाले नगर निगम के चुनावों की चुनौती है।


   प्रदेश सूत्रों का कहना है कि पार्टी संगठन से जुड़े ऐसे व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती है जो जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करे। इनमें पूर्व संगठन मंत्री पवन शर्मा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय और प्रदेश के पूर्व महामंत्री आशीष सूद का नाम शामिल है।