बेंगलुरु एयरपोर्ट पर कोरोना वायरस के लिए लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे डॉक्टर के दिनेश की पत्नी 8 महीने की गर्भवती हैं। वह फिर भी 1 महीने से एयरपोर्ट पर ड्यूटी कर रहे हैं और लोगों को इस वायरस के खिलाफ चेता रहे हैं।
- कोरोना वायरस से लड़ाई में डटे हैं डॉक्टर
- बेंगलुरु एयरपोर्ट पर ड्यूटी दे रहे डॉ. दिनेश
- 8 महीने की गर्भवती हैं पत्नी, दे रहीं पूरा सपॉर्ट
- सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा भगवान हैं डॉक्टर
- ट्विटर पर बता रहे हैं कोरोना से बचने के तरीके
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर डर का माहौल बन गया है। कोरोना वायरस या COVID 19 के भारत में भी 75 से ऊपर मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में विदेश से भारत आने वाले लोगों पर खास नजर रखी जा रही है और एयरपोर्ट्स पर स्क्रीनिंग में लगे डॉक्टर इस घड़ी में किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। ऐसे ही एक डॉक्टर हैं डॉ. के दिनेश जो अपनी चिंता किए बिना बेंगलुरु एयरपोर्ट पर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। डॉ. दिनेश न सिर्फ जमीन पर काम कर रहे हैं, बल्कि ट्विटर पर भी लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं।
'डरने की जरूरत नहीं' - डॉ. दिनेश अपने ट्विटर हैंडल पर हालात बयान करते रहते हैं। साथ ही वह बताते हैं कि इस वक्त आम लोगों को क्या करना चाहिए। वह सरकार की तारीफ के साथ-साथ सुझाव भी देते हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, '(कोरोना के) और केस हो सकते हैं लेकिन पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने इसको कंट्रोल में रखा है। हम लोगों के सपॉर्ट से यह लड़ाई जीतेंगे। एक महीने से मैं कोरोना की स्क्रीनिंग के लिए एयरपोर्ट पर हूं। सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। डरने करने की जरूरत नहीं है।'
पत्नी कर रहीं पूरा सपॉर्ट - खास बात यह है कि के. दिनेश पिता बनने वाले हैं और उनकी 8 महीने की गर्भवती पत्नी भी उनके मिशन में पूरा योगदान दे रही हैं। दिनेश का कहना है कि वह अपना काम कर पा रहे हैं क्योंकि उनकी पत्नी उनका सपॉर्ट कर रही हैं। ट्विटर पर जब लोग उनके इस काम की सराहना करते हैं तो दिनेश सरलता से कहते हैं कि वह तो सिर्फ एक आम सरकारी डॉक्टर हैं और अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
'असली हीरो तो लोग हैं' - डॉ. दिनेश के समर्पण को देखकर सोशल मीडिया पर लोग उनको और तमाम डॉक्टरों-स्टाफ को सलाम कर रहे हैं। इस पर डॉ. दिनेश ने लोगों को धन्यवाद देते हुए ट्वीट किया है- 'डॉ. दिनेश मैं लोगों के प्यार और दुआओं से खुश हूं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुटे मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की ओर से सभी का धन्यवाद। असली हीरो तो लोग हैं जो अपना सपॉर्ट और सहयोग दे रहे हैं। हम सरकारी नौकर हमेशा आपकी सेवा में हैं। लोगों के बीच सरकारी अडवाइजरी की मदद से जागरूकता फैलानी चाहिए।'
बताया कैसे करें बचाव - डॉ. दिनेश ने बताया है कि हैंडवॉश सलूशन्स, हैंड सैनिटाइजर्स का सही से इस्तेमाल करना चाहिए। वे मास्क से ज्यादा प्रभावी होते हैं। अगर आप मास्क इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे सही से डिस्पोज करें। ये बायोमेडिकल वेस्ट होते हैं, उन्हें ऐसे ही फेंक न दें। नमक के पानी से कुल्ला करें, अपनी आंखें-नाक और मुंह बार-बार न छुएं। अगर आप बीमार हैं तो अस्पताल जाएं। खांसते-छींकते वक्त अपना मुंह ढकें। उन्होंने सरकार को भी सलाह दी है कि इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर क्वॉरंटाइन सेंटर्स बनाए जाने चाहिए। सरकार को मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आइसोलेशन वॉर्ड बनाने की जगह क्वॉरंटाइन सेंटर बनाने चाहिए।