कोरोना से भारत की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने रविवार को कहा कि इस महामारी से पीड़ित 80 प्रतिशत संदिग्ध बिना किसी लक्षण के सामने आए ठीक हो सकते हैं। जबकि अन्य 20 प्रतिशत को खतरनाक लक्षणों के दिखने पर अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है।
आईसीएमआर ने कोविड 19 के बारे में जानकारी देते हुए ये बातें कहीं। आईसीएमआर के निदेशक जनरल बलराम भार्गव ने स्वास्थ मंत्रालय द्वारा कोरोना पर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कोरोना के बारे में ये जान लेना जरूर है कि इसके होने पर 80 प्रतिशत लोग हल्का बुखार महसूस करते हैं और वे जल्द ठीक हो जाते हैं जबकि 20 प्रतिशत लोगों में सर्दी, जुकाम, बुखार जैसे गंभीर लक्षण दिखते है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना जरूरी हो जाता है।उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने वालों में महज 5 प्रतिशत को ही सर्पोटिव ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है जिसमें नई दवाएं दी जाती हैं।
विश्वभर में कोरोना वायरस के तीन लाख से अधिक मामले
दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या तीन लाख के पार पहुंच चुकी है। इटली से लेकर भारत और अमेरिका तक की सरकारों ने महामारी को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए रविवार को करीब एक अरब लोग घरों में बंद रहे। वहीं, घातक संक्रमण से मरने वालों की तादाद बढ़कर 13,000 के पार पहुंच गई है। इस वैश्विक महामारी से सबसे बुरी तरह से प्रभावित इटली में कारखाने बंद कर दिए गए हैं। दुनियाभर के 170 देशों में रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 308,130 है।