मध्य प्रदेश : कांग्रेस के 6 मंत्रियों समेत 17 विधायक बेंगलुरु पहुंचे, कमलनाथ बोले - 'बीजेपी से रहा नहीं जा रहा'

     मध्य प्रदेश कांग्रेस के 17 विधायकों को भारतीय जनता पार्टी के बेंगलुरु के रिजॉर्ट ले जाए जाने की खबर है। माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के इन विधायकों को बीजेपी विधायक लेकर गए हैं।




  • मध्य प्रदेश कांग्रेस के 7 और विधायक बेंगलुरु पहुंचे

  • अभी तक कुल 10 विधायक ले जाए जा चुके हैं

  • बेंगलुरु के बाहरी इलाके में किसी रिजॉर्ट में रोके गए

  • कमलनाथ ने लगाया बीजेपी पर आरोप,'रहा नहीं जा रहा'

  • (Photo - कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ीं)




     मध्य प्रदेश की राजनीतिक उठापटक अभी पूरी तरह से शांत नहीं हुई थी कि एक बार फिर ड्रामा शुरू हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के 17 विधायक कर्नाटक पहुंचे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये सभी ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के हैं। खास बात यह है कि इनमें 6 मंत्री भी शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही कमलनाथ सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव का संकट गहराने लगा है।



   सूत्रों के मुताबक कर्नाटक बीजेपी के विधायक मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायकों को लेकर बेंगलुरु पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि इन विधायकों को बेंगलुरु के बाहरी इलाके में किसी रिजॉर्ट में ठहराया गया है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी और गोविंद सिंह राजपूत के बेंगलुरु जाने की खबर है। हालांकि, इस बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं है।


सोनिया से मिले थे कमलनाथ - मीडिया से बात करते हुए मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कहा है कि बीजेपी से अब रहा नहीं जा रहा है। कमलनाथ ने कहा, 'उन्होंने 15 साल में जो भ्रष्टाचार किया, वह सामने आने जा रहा है। इसलिए वे बेचैन हो रहे हैं।' कमलनाथ ने सोमवार को ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और कहा था कि वह उनकी दी हुई सलाह मानेंगे। वहीं, संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी विधानसभा सत्र के पहले दिन ही अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।

वापस लौटे थे विधायक - मध्य प्रदेश की राजनीति में पिछले सप्ताह 3 मार्च की देर रात राजनीतिक ड्रामा उस वक्त शुरू हुआ, जब कांग्रेस, बीएसपी और एसपी के कुल नौ विधायक अचानक से गायब हो गए। इनमें से पांच विधायकों को अगले ही दिन रात में भोपाल लाया गया, जबकि निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा, कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल सिंह और रघुराज कंसाना भी वापस लौट आए। लेकिन एक कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफा दे दिया है।


क्या होगा 17 विधायकों के जाने का असर - मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। 2 विधायकों का निधन होने से वर्तमान में 228 सदस्य हैं। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। इसके अलावा 4 निर्दलीय विधायक, 2 बीएसपी (एक पार्टी से निलंबित) और 1 एसपी विधायक का भी समर्थन मिला हुआ है। इस तरह कांग्रेस के खेमे में फिलहाल 121 विधायक हैं, वहीं बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 116 है। अगर 17 विधायक पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो जाएं तो विधानसभा में बीजेपी का आंकड़ा 134 यानी बहुमत से काफी ज्यादा हो जाएगा। ऐसे में मध्य प्रदेश की मौजूदा सरकार के गिरने का खतरा मंडरा रहा है।