पाकिस्‍तानी औरतों ने निकाला 'आजादी मार्च' - कट्टरपंथियों ने बरसाए जूते, पत्‍थर

     पाकिस्‍तानी महिलाओं ने रविवार को महिला द‍िवस पर 'औरत मार्च' न‍िकाला। इस दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हमला कर द‍िया। दोनों तरफ से जमकर पत्‍थरबाजी हुई। इसमें कई लोग घायल हो गए।



    पाकिस्‍तान में मुस्लिम कट्टरपंथियों की धमकी को धता बताते हुए रविवार को महिलाओं ने आजादी मार्च निकाला। महिला दिवस के मौके पर महिलाओं के इस 'औरत आजादी मार्च' में  देशभर की औरतों ने हिस्‍सा लिया। औरतों का यह मार्च शांतिपूर्वक चल रहा था कि राजधानी इस्‍लामाबाद में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने ईंट और जूते-चप्‍पलों से हमला कर दिया। 


महिलाओं ने किया ऐलान-ए-जंग - दुनियाभर में महिला आजादी के लिए नरक बन चुके पाकिस्‍तान में रविवार को महिलाओं ने ऐलान-ए-जंग कर दिया। अक्‍सर घरेलू हिंसा, रेप, यौन उत्‍पीड़न और जबरन शादी किए जाने की शिकार हो रही महिलाओं ने पूरे देश में प्रदर्शन किया। औरत मार्च में महिलाओं ने 'मेरा जिस्म, मेरी मर्जी' और 'मेरा जिस्‍म, तुम्‍हारा जंग का मैदान नहीं' के नारे लगाए। प्रदर्शन कर रही महिलाओं के पास दिवंगत आसमां जहांगीर की फोटोज थी। पाकिस्तान में मानव अधिकारों के लिए लड़नेवालों में उनका नाम प्रमुखता से लिया जाता है।



मुस्लिम कट्टरपंथियों ने बरसाए जूते - पाकिस्‍तान में यह अब तक की सबसे बड़ी रैली थी। पाकिस्‍तानी महिलाएं जब इस्‍लामाबाद में प्रदर्शन कर रही थीं, उसी समय बड़ी संख्‍या में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने ईंट और जूतों से हमला कर दिया। इस हमले में कई महिलाओं को चोटें भी आई हैं। इस दौरान वहां तैनात सुरक्षाकर्मी भी कट्टरपंथियों के सामने असहाय नजर आए। उन्‍होंने किसी तरह से रास्‍ता बंद करके कट्टरपंथियों को रोकने की कोशिश की।



'औरत आजादी मार्च' बनाम 'हया मार्च'मुस्लिम कट्टरपंथी नेता मौलाना फजलुररहमान के संगठन ने जहां पर 'औरत मार्च' हो रहा था, उसके ठीक बगल में 'हया मार्च' का आयोजन किया। हया मार्च में एक मौलाना ने महिलाओं से कहा, 'तेरा जिस्‍म नहीं, रब की अमानत है।' बताया जा रहा है कि औरत मार्च और हया मार्च में शामिल लोगों के आमने-सामने आ जाने के बाद मुस्लिम कट्टरपंथियों ने पत्‍थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद औरत मार्च में शामिल महिलाओं ने भी जमकर पलटवार किया। बताया जा रहा है कि कट्टरपंथी औरत मार्च में शामिल महिलाओं की भारी भीड़ देखकर परेशान हो गए थे।



बुर्का पहनकर औरत मार्च में घुसा पुरुषऔरत मार्च के दौरान एक मजेदार वाकया देखने को मिला। खुद को पाकिस्‍तान के कबायली इलाके फाटा का बताने वाला एक व्‍यक्ति बुर्का पहनकर महिलाओं के मार्च में घुस गया। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने उसे पहचान लिया और पकड़ लिया। पकड़े गए व्‍यक्ति की पहचान उस्‍मान के नाम से हुई। पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक औरतों पर हमला करने वालों में पाकिस्‍तान की कुख्‍यात लाल मस्जिद के कट्टरपंथी शामिल थे। इनका कहना है कि औरत मार्च ‘इस्लामी उसूलों के खिलाफ है। इसका छिपा अजेंडा अश्लीलता और नफरत फैलाना है। इसे राज्य विरोधी तत्वों का समर्थन हासिल है जिनका उद्देश्य केवल अराजकता फैलाना है।’



मौलाना फजलुर रहमान दी थी धमकीइससे पहले जमीयत-ए-उलेमा-ए-इस्लाम फजल के नेता मौलाना फजल-उर-रहमान ने धमकी दी थी कि वह इस औरत मार्च को किसी भी कीमत पर रोकेंगे। उन्‍होंने कहा था, 'जब कभी भी आप इस तरह के लोगों को देखें, सुरक्षा कर्मियों को इनके बारे में अलर्ट करें। और, अगर सुरक्षाकर्मी इन्हें ही सुरक्षा दे रहे हों तो ताकत के जोर पर इन्हें रोकने के लिए आपकी कुर्बानी की जरूरत पड़ेगी।' उधर, पाकिस्तान की मानवाधिकार मामलों की मंत्री शीरीन मजारी ने औरत मार्च का खुलकर समर्थन किया था। पाकिस्‍तान में सबसे पहले औरत मार्च’ की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। ‘हम औरतें’ नामक एक नारीवादी समूह ने इसका आयोजन किया था।



93 फीसदी महिलाओं के साथ यौन उत्‍पीड़न - पाकिस्‍तान में महिलाओं की स्थिति बेहद दयनीय है। बेनजीर भुट्टो के पीएम बनने के बाद भी पाकिस्‍तानी कट्टरपंथी महिलाओं को आगे बढ़ता नहीं देखना चाहते हैं। औरत मार्च के आयोजकों के मुताबिक पाकिस्‍तान में 93 प्रतिशत महिलाओं के साथ यौन उत्‍पीड़न होता है। इनमें से करीब 70 फीसदी यौन उत्‍पीड़न तो खुद उनके परिवार के सदस्‍य ही करते हैं। इन औरतों ने अब ऐलान-ए-जंग कर दिया है और घर, स्‍कूलों, कार्यालयों और सरकारी संस्‍थानों में यौन उत्‍पीड़न रोकने की मांग कर रही हैं।