रामलला टेंट के मंदिर से 25 मार्च नवरात्र के पहले दिन फाइबर के अस्थाई मंदिर में शिफ्ट होंगे उस दिन से राम नवमी 2 अप्रैल तक हर साल की तरह की पूजा की विशेष व्यवस्था रहेगी। रामलला को नए अस्थाई गर्भगृह में विराजमान करने की तैयारी अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
(Photo - पुजारी सत्येंद्र दास)
रामलला मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास के मुताबिक, इस दौरान रोजाना ठाकुर जी की ड्रेस दिन के हिसाब के रंगों में बदली जाती है। कलश स्थापना कर नव ग्रहों का आह्वान किया जाता है। पेड़ा, मेवा, लड़डू आदि का भोग लगता है। इसके साथ ट्रस्ट के पदाधिकारी और भव्यता बढाने के लिए जो जोड़ना चाहते है उसे भी जोड़ा जाएगा। इस बाबत रिसीवर व ट्रस्ट के सदस्यों से राय ली जाएगी।
ये हैं वे सुझाव - पुजारी ने कहा कि मेरी तरफ से दो प्रमुख सुझाव हैं जिस पर गौर करना चाहिए। पहला श्रद्धालुओं को प्रसाद व चढ़ावा चढ़ाने के लिए अन्य मंदिरों की तरह छूट होनी चाहिए। अभी केवल इलायची दाने व मिश्री का ही प्रसाद, वह भी पारदर्शी पैक में चढ़ाने की अनुमति है। प्रसाद पर लगा प्रतिबंध हटना चाहिए। पहले सभी तरह की मिठाई लड्डू ,पेड़ा, वस्त्र ,बर्तन आदि को रामलला को अर्पित करने की छूट थी । कोर्ट के फैसले के बाद फिर से जांच पूरी कर सभी तरह के प्रसाद चढ़ाने की छूट दी जानी चाहिए। दूसरा सुझाव रामलला को भोग तैयार करने के लिए भोग भंडार गृह का निर्माण भी पास करवाया जाए। जिससे भगवान का भोग इसमें तैयार कर आसानी से अस्थाई मंदिर में पहुंचाया जा सके।
पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि अब ऐसी व्यवस्था रामलला के दर्शन के बने जिससे यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को आस्था व धार्मिक भावना की अनुभूति के साथ रामलला का दर्शन मिल सके और प्रतिबंधित माहौल के दर्शन से मुक्त रहें।
भव्य होगा कार्यक्रम - पुजारी के मुताबिक सीएम व अन्य विशिष्ट जन की मौजूदगी में रामलला को 25 मार्च को जब स्थापित किया जाएगा । बड़ी मात्रा में प्रसाद चढ़ेगा, जो श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा। जितनी श्रद्धालुओं की संख्या उस कार्यक्रम में मौजूद रहेगी, उसी के आधार पर प्रसाद की भी व्यवस्था की जाएगी।