SBI ने सभी बचत खाताधारकों के लिए मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता को किया खत्म

     एसबीआई के खाताधारकों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है। बैंक ने ऐवरेज मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब खाते में कोई रकम नहीं होने पर खाताधारकों को जुर्माना नहीं देना पड़ेगा।



  • भारतीय स्टेट बैंक ने अपने खाताधारकों के लिए उठाया एक बड़ा कदम

  • एसबीआई के खाताधारकों के लिए मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता खत्म

  • अब खाते में कोई रकम नहीं होने पर खाताधारकों को नहीं देना पड़ेगा जुर्माना

  • एसबीआई ने वित्तीय समावेशन को लेकर उठाया यह बड़ा कदम



     भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने सभी बचत खाताधारकों के लिए ऐवरेज मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता बुधवार को समाप्त करने की घोषणा की। इससे अब बैंक के सभी बचत खाताधारकों को ‘जीरो बैलेंस’ खाते की सुविधा मिलने लगेगी। इसके अलावा, बैंक ने सभी बचत खातों पर ब्याज दर समान रुप से तीन प्रतिशत वार्षिक कर दिया है।

वित्तीय समावेश की दिशा में कदम -
एसबीआई ने बुधवार को एक बयान में कहा कि देश में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए उसने अपने सभी 44.51 करोड़ बचत खाताधारकों के लिए औसत मासिक न्यूनतम राशि (एएमबी) रखने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अभी मेट्रो शहरों के बचत खाताधारकों को औसत मासिक न्यूनतम राशि के तौर पर 3,000 रुपये, कस्बों में 2,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपये खाते में रखने होते हैं।

पहले लगता था जुर्माना - औसत मासिक न्यूनतम राशि को बनाए नहीं रखने की स्थिति में खाताधारकों को पांच से 15 रुपये जुर्माना और करों का भुगतान करना होता है। एएमबी समाप्त किए जाने से बैंक के इन खाताधारकों को ‘जीरो बैलेंस’ (यानी कोई न्यूनतम राशि नहीं रखने) की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा, बैंक ने त्रैमासिक आधार पर एसएमएस सेवा के लिए वसूले जाने वाले शुल्क को भी खत्म कर दिया है।

बचत खातों पर ब्याज 3% किया - इस बारे में बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, ‘यह फैसला और अधिक लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला होगा।’ बैंक का कहना है कि ‘सबसे पहले ग्राहक हित’ की अवधारणा पर चलते हुए उसने यह कदम उठाया है। इसके अलावा, बैंक ने बचत खातों पर वार्षिक ब्याज दरों को तर्कसंगत बनाते हुए सभी श्रेणियों के लिए घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया है।