आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस की मदद से एक्सरे रिपोर्ट देख कोरोना का पता लगा रहे इंजीनियर

     भागलपुर ट्रिपल आईटी के इंजीनियर एक्सरे रिपोर्ट में कोरोना वायरस का पता लगा रहे हैं। इसमें 80 प्रतिशत तक सफलता मिल गयी है। ट्रिपल आईटी इसकी रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्रालय को दो दिनों में भेजेगा। वहां से सहमति मिलने के बाद इस पर आगे काम किया जाएगा। ट्रिपल आईटी का दावा है कि आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस की मदद से मरीज के एक्सरे रिपोर्ट को देखकर कहा जा सकता है कि वह कोरोना पॉजिटिव है या नहीं। 



मरीजों की एक्सरे रिपोर्ट पर काम किया जाएगा - ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रो. अरविंद चौबे ने बताया कि शिक्षक डॉ. संदीप राज ने कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ मॉनट्रियल की रिपोर्ट को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के आधार पर 100 प्लेट की जांच की। निदेशक ने कहा कि इसका सॉफ्टवेयर तैयार है। अब जल्द ही जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के मरीजों की एक्सरे रिपोर्ट पर काम किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने कहा कि कोरोना मरीजों की रिपोर्ट और एक्सरे को सेव करके रखा जा रहा है। शोध के लिए ट्रिपल आईटी को दिया जाएगा। 


एक्स-रे का रोल महत्वपूर्ण - जेएलएनएमसीएच के कोरोना वार्ड के नोडल पदाधिकारी डॉ. हेमशंकर ने कहा कि जांच में एक्सरे काफी महत्वपूर्ण है। निमोनिया में आने वाली एक्सरे तस्वीर से कोविड अलग होता है। मगर पॉजिटिव रिपोर्ट का पता स्वाब जांच से ही हो पाता है। ट्रिपल आईटी के शिक्षक डॉ. संदीप राज ने कहा कि एक्सरे रिपोर्ट में अगर यह पता चल जाए कि कोरोना संक्रमण है तो फिर आसानी से डॉक्टर ऐसे मरीजों का इलाज कर सकते हैं। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से इस पर काम किया है। अब तक यह दूसरे चरण (तीन से चार दिन) के बाद एक्सरे रिपोर्ट में इसका पता चल रहा है।  


सेंट्रल डाटा बनाने की मांग - निदेशक ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मांग की है कि देश में जो भी कोरोना मरीजों की जांच हो रही है, उसकी रिपोर्ट और एक्सरे का सेंट्रल डाटा तैयार किया जाए, ताकि आगे इस बीमारी के शोध में मदद मिल सके। इस पर दूसरे देशों में डाटा तैयार करना शुरू कर दिया है।