यह हमलावर सोच सबसे खतरनाक वायरस
लॉकडाउन, समझाइश, जांच और निगरानी जैसे तमाम कदमों के बावजूद देश में कोरोना के मामले दो हजार के पार निकल चुके हैं। खतरा कितना बड़ा है, यह अब समझाने की जरूरत भी नहीं। कोरोना के खिलाफ पुलिस, डॉक्टर, सफाईकर्मी और तमाम अमले लगातार लड़ रहे हैं। लेकिन, लोगों की जान बचाने वालों पर ही हमले हो रहे हैं। उनसे बदतमीजी की जा रही है। दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज से क्वारैंटाइन किए गए डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों ने पुलिस और डॉक्टर से बदसलूकी की। उन पर थूका और गालियां दीं। ऐसा ही कुछ इंदौर में भी हुआ। यहां बुधवार को एक इलाके में संक्रमितों की जांच करने गई टीम पर हमला हुआ। पत्थर फेंके गए।
मशहूर शायर और इंदौर की गली-कूचों में जिंदगी बिताने वाले राहत इंदौरी ने अपने शहर की घटना पर जो कहा, उससे जाहिर हो जाता है कि यह हमलावर सोच ही सबसे बड़ा वायरस है। राहत कहते हैं- कल रात 12 बजे तक मैं दोस्तों से फोन पर पूछता रहा कि वह घर किसका है, जहां डॉक्टरों पर थूका गया है, ताकि मैं उनके पैर पकड़कर माथा रगड़कर उनसे कहूं कि खुद पर, अपनी बिरादरी, अपने मुल्क व इंसानियत पर रहम खाएं। यह सियासी झगड़ा नहीं, बल्कि आसमानी कहर है, जिसका मुकाबला हम मिलकर नहीं करेंगे तो हार जाएंगे।