लॉकडाउन तोड़ने वालों को फ़िलीपींस में दी जा रही अजीबो-ग़रीब सज़ा

     फ़िलीपींस के राष्ट्रपति रॉड्रिगो दुटर्टे कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बहुत ही कठोर उपायों का सहारा ले रहे हैं. 24 मार्च को सैन इसिद्रो की पुलिस ने कर्फ़्यू का उल्लंघन करने वालों को तपती धूप में बैठा दिया और स्थानीय सरकार के फ़ेसबुक पन्ने पर ऐलान किया गया कि कर्फ़्यू तोड़ने वाले हर शख़्स को यहां बैठाया जाएगा.



     कुछ दिनों पहले सांताक्रूज़, लगूना प्रांत में अधिकारियों ने कर्फ़्यू तोड़ने वालों को कुत्तों के दर्बों में बंद कर दिया. पूरे देश से उल्लंघन करने वालों को पुलिस द्वारा पीटे जाने और गोली चलाने की कई ख़बरें सामने आई हैं. रेडियो पर किए गए ऐलान में एक पुलिस अफ़सर ने कहा है कि 'अगर कोई शख़्स ग़लत समय पर अपने घर के बाहर देखा गया तो उसे गोली मार दी जाएगी.'


दुटर्टे का राष्ट्र के नाम संदेश - 1 अप्रैल को राष्ट्रपति दुटर्टे ने राष्ट्र के नाम संदेश में साफ़ तौर पर कहा कि 'मैंने सेना और पुलिस को आदेश दिए हैं कि अगर इस तरह की कोई नौबत आए जहां लोगों का जीवन ख़तरे में पड़े तो तुरंत उन्हें गोली से उड़ा दें. आपने सही सुना गोली से उड़ा दें. नियम तोड़ने वालों को मैं उनकी क़ब्र तक पहुंचाऊंगा. सरकार के धीरज की परीक्षा मत लीजिए.'


   इस भाषण के दो दिन बाद मिंदानाओ में एक 63 वर्षीय किसान को इसलिए गोली मार दी गई क्योंकि उसने कथित रूप से मास्क पहनने से इनकार कर दिया था. पुलिस ने अपनी सफ़ाई में कहा कि उस शख़्स ने शराब पी रखी थी और उसने एक स्वास्थ्यकर्मी पर दरांती से हमला किया था. इस घटना पर पूरे फ़िलीपींस में बहुत बवाल हुआ और कुछ हल्कों में दुटर्टे को उनके पद से हटाने की मांग भी की गई. यहां तक कि उनके परंपरागत समर्थकों ने भी इस घटना की आलोचना की.