देश में पहली बार जयपुर के कोरोना एपिसेंटर रामगंज में थ्री-लेयर स्क्रीनिंग से टारगेटेड सैंपलिंग की जा रही है। क्षेत्र को संवेदनशील मानते हुुए चिकित्सा विभाग ने पहली बार पल्स ऑक्सीमीटर के साथ जांच शुरू कर दी है। अब उन सभी लोगों की भी जांच की जा रही है, जो उम्रदराज हैं या किसी अन्य गंभीर बीमारी यानी लंग्स, हार्ट, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर आदि से पीड़ित हैं। इनकी जांच कर उनके इलाज के साथ निगरानी की जा रही है। इसीलिए विभाग ने रामगंज में सैंपलिंग कम कर दी है। क्वारैंटाइन सेंटर्स से ही सैंपलिंग की जा रही है। राहत की बात है कि अभी तक की सैंपलिंग में पॉजिटिव कम आ रहे हैं।
3 दिन से हो रही है थ्री-लेयर स्क्रीनिंग
1 आशा सहयाेगिनियों की 90 टीमों ने 3 दिन में 3890 लोगों को जांचा, संदिग्धों की सूची बनाई
रामगंज में पिछले तीन दिन में आशा सहयोगिनियों ने सर्वे कर 3890 लोगों की स्क्रीनिंग की। इनमें कुछ शुरुआती लक्षण या कमी दिखाई दी। उन्हाेंने इसकी पूरी सूचना सीएमएचओ को दी।
2 एएनएम की टीमों ने पल्स ऑक्सीमीटर से इन लोगों की जांच की, 847 लोग चिह्नित किए
एएनएम की टीमों ने इन संदिग्धों से पूछताछ की। पल्स ऑक्सीमीटर से जांच कर 847 लोगों को चिह्नित किया। इनमें लंग्स, हार्ट, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर व अन्य बीमारियों के मरीज थे। सूचना विभाग को दी गई।
3 डॉक्टरों ने 3 दिनों में 362 लोग आइडेंटिफाई किए, दवाएं देने के साथ निगरानी भी कर रहे
अंतिम चरण में डॉक्टरों की टीम गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों की जांच कर दवाइयां दे रही है और उनकी नियमित मॉनिटरिंग कर रही है। सीएमएचओ की टीम ने तीन दिनों में 362 लोगों को आइडेंटिफाई किया।
डॉ. नरोत्तम शर्मा, सीएमएचओ प्रथम - रामगंज में 6 बार स्क्रीनिंग और सैंपलिंग कर चुके हैं। लगभग सभी संदिग्ध क्वारैंटाइन हैं। उनकी सैंपलिंग जारी है। चिकित्सा विभाग के निर्देश पर पल्स ऑक्सीमीटर से जांच शुरू की गई है। इसके बेहतर परिणाम दिख रहे हैं। इससे फायदा यह होगा कि कोई गंभीर बीमार है तो उसे अस्पताल ले जा सकेंगे।