कोरोना वायरस का संक्रमण पूर्वोत्तर भारत में न के बराबर है

     देश के दूसरे इलाक़ों की तुलना में पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में कोविड-19 के केस इतने कम हैं. इसकी सीधी वजह है इन राज्यों के लोगों का अनुशासन, सरकारों के सक्रिय क़दम और सीमित अंतरराष्ट्रीय संपर्क.


     14 मई को केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जो आँकड़े जारी किए, उसके मुताबिक़ असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा संक्रमण को क़ाबू करने के मामले में बाक़ी राज्यों की तुलना में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.



     2011 की जनगणना के मुताबिक़ इन आठों राज्यों की कुल आबादी 4.57 करोड़ से थोड़ी ज़्यादा है. ताजा आँकड़ों के मुताबिक़ यहां की 1,81,624 की आबादी में सिर्फ़ एक व्यक्ति संक्रमण से पीड़ित है. देश के बाक़ी हिस्से के आँकड़ों की स्थिति इसकी तुलना में काफ़ी ख़राब है. यहां, हर 15,514 की आबादी में एक व्यक्ति संक्रमण का शिकार है.


     नगालैंड और सिक्किम में कोविड-19 का एक भी मामला नहीं है जबकि अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिज़ोरम में मरीज़ों का आँकड़ा दस से नीचे है. पूर्वोत्तर में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले त्रिपुरा में हैं. यहां कोरोना मरीज़ों की संख्या 155 तक पहुंच गई है. असम दूसरे नंबर पर है और यहां संक्रमित लोगों की संख्या 80 तक पहुंच गई है. मेघालय में संक्रमण के 13 केस हैं.