लॉकडाउन नहीं हटा तो 2 करोड़ से ज्यादा कपल नहीं कर पाएंगे कंडोम का उपयोग

                           8 लाख बच्चों का होगा जन्म और 10 लाख गर्भपात की संभावना


     देश कोविड-19 महामारी की चपेट में है। इस समय गर्भ निरोधकों तक पहुंच स्थापित करना मुश्किल हो रहा है, जिसका असर बड़े पैमाने पर होने की संभावना है। यह जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।राष्ट्रव्यापी बंद की अवधि के दौरान गर्भ निरोधकों का उपयोग करने में देश के लाखों पुरुषों और महिलाएं सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।



     बताया गया है कि अगर स्थिति सामान्य नहीं हुई, तो देश में 2.4 करोड़ से 2.7 करोड़ दंपति गर्भ निरोधकों का उपयोग नहीं कर पाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 20 लाख अनपेक्षित गर्भधारण होंगे। इसमें आठ लाख बच्चों का जन्म होने और 10 लाख गर्भपात होने की बात कही गई है। इसके अलावा एक लाख असुरक्षित गर्भपात और 2000 से अधिक मातृ मृत्यु की दर का अनुमान लगाया गया है।


     फाउंडेशन फॉर रिप्रोडक्टिव हेल्थ सर्विसेज इंडिया (एफआरएचएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी. एस. चंद्रशेखर ने कहा, "लाइव जन्म दर वास्तव में अधिक हो सकती है, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान गर्भपात कराना प्रभावित हुआ है। अनचाहा गर्भ धारण करने वाली महिलाएं अपनी गभार्वस्था के साथ बने रहने के लिए मजबूर हो सकती हैं, क्योंकि उनके पास गर्भपात कराने जैसी उतनी सुविधा नहीं होगी।"