मजदूरों के हैं बुरे हाल, महिला की सड़क पर हुई डिलीवरी, कुछ लोगों की रास्‍ते में ही मौत

      कोरोना वायरस की महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के मद्देनजर सरकारें भले ही सक्रियता और तमाम इंतजामात का दावा कर रही हैं, लेकिन हकीकत में तस्वीरें बहुत दर्दनाक हैं, चलते-चलते कई मजदूर दम तोड़ रहे हैं तो कई महिलाएं प्रसव पीड़ा के बावजूद में पैदल चलने को मजबूर हैं.


     ऐसी ही एक तस्वीर आई है महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश की सीमा से. महाराष्‍ट्र के नासिक से मध्‍प्रदेश के सतना तक की 1100 किलोमीटर की पैदल यात्रा के दौरान पिपरगांव में मां को प्रसव-पीड़ा हुई और रास्ते में ही बच्चे को जन्म दिया. यही नहीं, डेढ़ घंटे बाद फिर पैदल चलना शुरू कर दिया.सेंधवा बॉर्डर से पुलिस अब इन्हें क्वारेंटीन सेंटर में लेकर आई है.



    घर लौट रहे इन लोगों में फूलचंद की पत्नी भी हैं जिनको 8 महीने का गर्भ है ये भी नासिक से पैदल आ रहे हैं. वहां राशन पानी कुछ नहीं मिली इसलिये पैदल आना पड़ा. श्रमिक इतना खुशकिस्मत नहीं कि घर पहुंच जाए. मुंबई से जौनपुर के लिये निकले अतुल की सेंधवा में तबीयत खराब हुई और बाद मेंमौत हो गई. काका पीछे से आ रहे थे, मोबाइल पर बात हुई, मिले मी, लेकिन जामली टोल प्लाजा के पास अचानक तबीयत बिगड़ी, एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया लेकिन अतुल को बचा नहीं पाए.सागर में भी यूपी के सिद्धार्थ नगर जा रहे 36 साल के रामबली की मौत हो गई. बरा चौराहे पर चक्कर खाकर गिरे, बंडा अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर बचा नहीं पाए.