पाकिस्तान में भारतीय दवाओं पर क्यों मचा है हंगामा

     भारत से दवाओं के आयात का मामला पाकिस्तान में विवाद का मुद्दा बनता जा रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इस मामले की जाँच के आदेश दिए हैं. पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के भारत सरकार के फ़ैसले के बाद पाकिस्तान ने सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़ लिए थे.



     हालांकि बाद में पाकिस्तान सरकार ने फार्मा इंडस्ट्री के दबाव में जीवन रक्षक दवाओं के आयात की अनुमति दे दी थी. पाकिस्तान फर्मास्युटिकल मैन्युफ़ैक्चरर्स एसोसिएशन ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके चेतावनी दी थी कि अगर दवाएँ या दवा बनाने वाली सामग्रियों का आयात नहीं हुआ तो जल्द ही पाकिस्तान में कई ज़रूरी दवाओं की कमी हो जाएगी.


विपक्ष का आरोप - लेकिन विपक्षी पार्टियों ने ये आरोप लगाया कि सरकार की ओर से दी गई छूट का फ़ायदा उठाया जा रहा है. सरकार से इस मामले में जाँच की भी मांग की गई. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के अध्यक्ष और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज़ शरीफ़ ने भारत से दवाओं के आयात के सरकार के फ़ैसले की आलोचना की थी और जाँच की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार के रहते ऐसा फ़ैसला हुआ होता, तो इमरान ख़ान ने सरकार के ख़िलाफ़ देशद्रोह का केस दर्ज कर दिया होता.


     दूसरी ओर मैन्युफ़ैक्चरर्स का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार को गुमराह किया जा रहा है. एसोसिएशन इस बात पर क़ायम है कि भारत से दवाओं का आयात बंद हो गया, तो पाकिस्तान में समस्या आ जाएगी.