भारत-चीन के तनाव ने बढ़ाई MSME सेक्टर की मुसीबत, सरकार से की ये अपील

     बीते कुछ दिनों से भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है. इस बीच, भारत सरकार ने चीन को आर्थिक मोर्चे पर घेरना शुरू कर दिया है. इस बीच, देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर ने कारोबार पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जाहिर की है.



क्या है MSME सेक्टर की चिंता - एमएसएमई सेक्टर ने कहा है कि इस तनाव की वजह से आयात शुल्क में बढ़ोतरी या वस्तुओं पर नॉन-टैरिफ बैरियर को रखने से इनपुट कॉस्ट में 40 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है. छोटी कंपनियां पहले से ही कोरोना की मार झेल रही हैं, आगे हालात और बिगड़ जाएंगे. एमएसएमई सेक्टर की ओर से ये बयान ऐसे समय में आया है जब भारत सरकार 300 चीनी वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाने की तैयारी में है.


जनभावना के आधार पर कदम नहीं उठाने की सलाह - इसके साथ ही एमएसएमई सेक्टर की ओर से सरकार को लॉन्ग टर्म के लिए ठोस योजना बनाने की सलाह भी दी गई है, जो चीन द्वारा आयात का विकल्प बन सके. अखिल भारतीय निर्माता संगठन (एआईएमओ) ने स्थानीय उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के अलावा एक दीर्घकालिक आयात प्रतिस्थापन योजना की सिफारिश की है. इसके साथ ही सरकार को चीन के खिलाफ जनभावना के आधार पर कदम नहीं उठाने की सलाह दी है.