फरवरी में नॉर्थ दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा केस में 'पिंजरा तोड़' ग्रुप की एक और सदस्य पर यूएपीए की धाराएं लग गई हैं।जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की स्टूडेंट और इस ग्रुप की मेंबर के खिलाफ पुलिस ने आतंकरोधी कानून तहत केस दर्ज किया है। इस मामले से जुड़े एक वकील ने यह जानकारी दी है। पिंजरा तोड़ ग्रुप छात्राओं और दिल्ली के अलग-अलग कॉलेज की पूर्व छात्राओं का एक ग्रुप है।
जेएनयू की स्टूडेंट देवांगना कलिता के खिलाफ पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत केस दर्ज किया है। उस पर हिंसा भड़काने के लिए साजिश में शामिल होने का आरोप है। बताया गया है कि कलिता के खिलाफ राष्ट्रद्रोह, हत्या के प्रयास, हत्या, आपराधिक साजिश, धर्म, जाति और जन्मस्थान के आधार पर समूहों में नफरत फैलाने के भी आरोप हैं।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 जून को उसे पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। वह इस समय न्यायिक हिरासत में है। पिछले कुछ सप्ताह में यह चौथा केस है जिसमें उसकी गिरफ्तारी हुई है। दो अन्य केस दिल्ली में दंगे से संबंधित हैं और एक सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दरियागंज में हिंसा को लेकर है।
दंगे से जुड़े केस में कलिता को 23 मई को गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन कोर्ट ने उसे जमानत दे दी। इसके बाद क्राइम ब्रान्च ने उसे दंगे में हत्या के आरोप में उसे गिरफ्तार किया। 30 मई को उसे दरियागंज में हिंसा केस में गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने उसे इस केस में भी जमानत दे दी थी।