मोदी-मॉरिसन शिखर वार्ता, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने किए डिफेंस सहित सात समझौते









     प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के बीच शिखर वार्ता के बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया ने सैन्य ठिकानों और साजो-सामान तक पहुंच के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।


     दोनों पक्षों ने सिविल न्यूक्लियर सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई। ऑस्ट्रेलिया ने न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की सदस्यता का समर्थन किया है। साथ ही यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल में भारत की स्थायी सदस्यता की वकालत की है। दोनों देशों के संयुक्त घोषणा पत्र में कहा गया है कि अंतराराष्ट्रीय नियमों पर आधारित स्वतंत्र नौवहन को समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई।



     प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के साथ ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया जिसमें स्वास्थ्य सेवा, कारोबार और रक्षा क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की गई। पीएम मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह उपयुक्त समय, उपयुक्त मौका है और अपनी दोस्ती को और मजबूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ''कैसे हमारे संबंध अपने क्षेत्र के लिए और विश्व के लिए एक 'स्थिरता का कारक बनें, कैसे हम मिल कर वैश्विक बेहतरी के लिए कार्य करें, इन सभी पहलुओं पर विचार की आवश्यकता है।'' 


     मोदी ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को व्यापक तौर पर और तेज गति से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह न सिर्फ हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है। गौरतलब है कि यह पहला मौका है जब मोदी किसी विदेशी नेता के साथ आभासी शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। दोनों देशों के संबंध 2009 में सामरिक गठजोड़ के स्तर पर पहुंचे और कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार मिला है।