उपसभापति पर हो सकता था शारीरिक हमला अगर मार्शल नहीं आते : रविशंकर प्रसाद

     लोकसभा के बाद राज्यसभा में कृषि से संबंधित बिल को पास करवाया जा चुका है. हालांकि कृषि से जुड़े बिल पर किसानों और विपक्षी दलों का हंगामा भी देखने को मिल रहा है. रविवार को राज्यसभा में हुए विपक्ष के हंगामे के दौरान राज्यसभा उपसभापति का अनादर भी किया गया. वहीं अब केंद्र सरकार की ओर से तीन मंत्रियों ने राज्यसभा उपसभापति के साथ हुई घटना को लेकर प्रेस वार्ता की.



     केंद्र सरकार के तीन मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रहलाद जोशी और पीयूष गोयल ने प्रेस वार्ता कर राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के अनादर का मुद्दा उठाया और इसे दुखद बताया. इससे पहले कल रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत केंद्र सरकार के 6 मंत्री भी प्रेस वार्ता कर इस मुद्दे को उठा चुके हैं.


     प्रेस वार्ता के दौरान केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर उनको वोट देना था तो उनको सीट पर जाना चाहिए था. 13 बार उपसभापति ने सांसदों को वापस सीट पर जाने के लिए अनुरोध किया था. यह संसद के लिए एक शर्मनाक दिन था. माइक टूट गया, तार टूट गया, नियम पुस्तिका फाड़ दी गई. अगर मार्शल नहीं आते तो उपसभापति पर शारीरिक हमला भी हो सकता था.


     रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने पहले कभी ऐसी हरकत नहीं देखी. वहीं नियम 256 के खंड तीन में किसी सदस्य को निलंबित करने को लेकर कहा गया है कि कोई बहस नहीं होगी और सांसद को सदन से बाहर सदन के नियमों के अनुसार जाना होगा. मर्यादा के नियमों का पालन नहीं करते और वे लोकतंत्र की बात करते हैं. राज्यसभा में हमारे पास स्पष्ट बहुमत था. 110 सांसद हमारे साथ थे. वहीं 72 विरोध में थे.