मुंगेर में माँ दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान जिस तरह से स्थानीय प्रशासन द्वारा ओपेनली फायरिंग कर दहशत उत्पन्न करने की कोशिश की गई और एक नवयुवक को जान गवांनी पडी. वह यह दर्शाती है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जायें तो हिंसा मुक्त समाज का निर्माण कैसे होगा ? और लोग लॉ एंड ऑर्डर पर विश्वास करें तो कैसे?
(फोटो - अजीत सिन्हा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रवादी विकास पार्टी)
स्थानीय निक्कमी प्रशासन की ये करतूत बहुत ही निंदनीय है और मैं स्थानीय प्रशासन द्वारा की गई इस हृदयविदारक कारवाई से मर्माहत हूं और शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हुए, इस विभत्स कांड की अपनी पार्टी की ओर से सी. बी. आई. जाँच की माँग करता हूं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और जिम्मेवार प्रशासनिक अधिकारियों पर इरादतन हत्या और सनसनी फैलाना इत्यादि का मुकदमा दर्ज हो सके और कानून व्यवस्था के प्रति स्थानीय स्तर पर पर पुनः प्रशासन के प्रति विश्वास कायम हो सके और अक्षम्य गलती पर दोषियों के विरुद्ध सजा मुकर्रर हो सके l
माँ दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान स्थानीय प्रशासन की ऐसी हरकत सनातन व हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था के साथ खिलवाड़ असहनीय है. इसलिये मैं सनातन रक्षा सेना में राष्ट्रीय संयोजक की हैसियत से स्थानीय प्रशासन की कड़ी निंदा करते हुए भारत सरकार के साथ -साथ महामहिम राष्ट्रपति महोदय से भी इस घटना पर स्वतः संज्ञान लेने का भी आग्रह करता हूं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुर्नावृति न हो सके l