वकीलों और मुवक्किलों का दर्द समझता हूं अतिशीघ्र सभी न्यायालयों में काम शुरू होगा - मुख्य न्यायाधीश

द्वारा - पूनमचंद भंडारी (एडवोकेट)


     जयपुर - आज मुख्य न्यायाधीश महोदय से वकील ग्रुप की मुलाकात हुई. इसमें पूनमचंद भंडारी के साथ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन कार्यकारिणी के सदस्य राज किशोर व राज शर्मा तथा गायत्री राठोड़ थे. 40 मिनिट की वार्ता में सबने अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि वह सभी समस्याओं से सहमत हैं और जल्दी ही निर्णय लेंगे।


     इससे पहले हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष महेन्द्र शांडिल्य व दी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल चौधरी भी आ गए थे और मुख्य न्यायाधीश से मिलने से पहले सबने 1 मीटिंग हाल में की.  उनका कहना था कि 167 कर्मचारी पोजिटिव पाए गए हैं. इसलिए जब तक उनका कोरंटाईन समय समाप्त नहीं होता, न्यायालय नहीं खुलने चाहिए। उसके पश्चात दोनो अध्यक्ष महोदय मुख्य न्यायाधीश से मिले और उनके पश्चात वकीलों का ग्रुप, लंबी वार्ता हुई।



     हमने उनको कहा अधिकतर अधिवक्ता न्यायालय में प्रत्यक्ष सुनवाई चाहते हैं. उन्होंने कहा 10 जिलाें के न्यायाधीशों ने कहा वो राजी हैं. उनको अनुमति दे दी है तथा अधीनस्थ न्यायालयों में अर्जेंट काम हो रहे हैं. हमने कहा आप रिपोर्ट मंगवा कर देख लें कितना काम हो रहा है। सारे न्यायालय बंद हैं सारे कोर्ट खुलने चाहिए और महत्वपूर्ण बयान भी होने चाहिए। 138 के मुकदमों 6-8 महीने की तारीखें पड रही हैं. सम्मन तलबाने भी पेश नहीं हो रहे हैं. प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई होनी चाहिए। जिन अधिकारियों व कर्मचारियों को कोरोना से डर है वो छुट्टी लेकर घर बैठें।


     महांति साहब ने इस बात को माना कि विडियो कोन्फ्रेंसिंग में कई बार दिक्कत होती है। उन्होंने माना कि वकीलों की हालात गंभीर है। हमने कहा जब सारे न्यायालय काम कर रहे थे तब भी मुकदमों का अंबार लग रहा था और अब जब 7 महीने से न्यायालयों में काम बंद है तो क्या हाल होगा? विडियो कोन्फ्रेंसिंग से सुनवाई सिर्फ चंद वकील ही कर पा रहे हैं. हरेक के पास यह सुविधा भी नहीं है और राजस्थान में कई कोर्टों में तो बिजली तक नहीं है. इन्टरनेट सुविधा नहीं है. न्यायिक अधिकारीगण भी कम्प्यूटर तकनीक से पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं हैं।


     राजस्थान में करीब 90,000 हजार वकील है. उनमें से युवा वकीलों की परेशानी कोई नहीं समझ रहा है. उसको मकान किराया भी चुकाना है. घर चलाना है और बच्चों की स्कूल फीस भी देनी है. वो किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा है. वकील कोर्ट नहीं जा रहे हैं तो स्टाफ और मुंशियो की आफ़त हो गई है. थड़ी ठेले वाले, टाइपिस्ट जैसे कई लोग बेरोजगार हो रहे हैं। 
पूरे राजस्थान में वकील प्रत्यक्ष उपस्थित होकर काम करना चाहते हैं।


       अंत में उन्होंने आश्वासन दिया कि अतिशीघ्र न्यायालयों में काम शुरू हो जाएगा। बादमें हम सबने यही निर्णय लिया कि 16.10.020 तक काम शुरू नहीं होता है तो 19.10.020 सोमवार से धरने पर बैठेंगे।