वरिष्ठ पत्रकार संजय वर्मा व अन्य पत्रकारों के सवालों से परेशां होकर JDU के चुनावी प्रत्याशी नीरज कुमार सच्चाई का सामना नहीं कर पाए. अपना आपा खोते जा रहे नीरज कुमार ने अपनी अमर्यादित भाषा को तेज करते हुए पत्रकारों से उळझते चले गए और गली गलोच करते हुए धमकी तक दे डाली परन्तु अपनी उपलब्धियां नहीं गिना सके.
पीआरडी मिनिस्टर और पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे नीरज कुमार उर्फ नीरज कुमार सिंह जदयू प्रवक्ता के तौर पर आप चुनाव नही लड़ रहे हैं. आप स्नातक प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिये सरकार और पूरी पार्टी मशीनरी लगी है. आप इस बात में मतदाताओं को उलझाएं की लालू का जंगल राज और आपका मंगलराज कैसा था?
(फोटो - नीरज कुमार व वरिष्ठ पत्रकार संजय वर्मा)
अब आप ये मत समझाएं कि बिजली का जमाना है लालटेन का जमाना गया. तेजश्वी 10 वी पास है और लालू कौन से जेल में हैं और कैदी नम्बर क्या है? आप मतदाताओं को ये बतायें कि जिस उद्देश्य के लिये जीता के भेजा उसपर कितना खरे उतरे? स्नातक बेरोजगारों के लिए क्या किया? क्या मनरेगा की भांति स्नातकों से 100 दिन शिक्षण कार्य कराकर उन्हें बेरोजगारी जैसे अभिशाप और अपमानजनक शब्द से मुक्ति दिलाने का कोई प्रयास किया? क्या कभी मतदाताओं की समस्याओं को सदन में मुखर आवाज़ से उठाई?
किन प्रखंडो में स्नातक भवन बना क्या यह सच नही की विधायक निधि का फंड की ठेकेदारीआपके स्वपोषित लोग क्षेत्र विशेष में जाति के आधार पर करते है. आखिर उस फंड पर मतदाताओं का पहला हक है या ठेकेदार का खुसरूपुर मेरा घर है. क्या किया जरा बताएंगे, यहां आपने कुछ नहीं किया तो किसने किया? जनता को ठगना बन्द करिये और यदि वाकई आपने स्नातक मतदाताओं के हित मे कुछ नही किया तो कोई हक नही की नीतीश जी के कंधों पर सवार होकर वोट मांगे? आप खुद को चरित्रवान, नैतिकतावादी मानते हैं तो मेरे सवालों का जवाब दें और संभव हो तो श्वेतपत्र जारी कर बताएं कि आपने महान स्नातक मतदाता के लिये क्या किया? विवरणी जारी करें कि अपने फंड का इस्तेमाल कहाँ किया और ठेकेदारी किसने की?
द्वारा -- रवि आनंद (वरिष्ठ पत्रकार)