शादी करके जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर उत्तर प्रदेश में 10 साल के सजा का प्रवधान

 उत्तर प्रदेश संवाददाता (राहुल वैश्य


     उत्तर प्रदेश सरकार ने छल कपट से शादी करके जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए तैयार अध्यादेश के मसौदे को अपनी मंजूरी दे दी है । इस अध्यादेश के अनुसार यदि कोई छल कपट के जरिये शादी कर जबरन लड़की का धर्म परिवर्तन कराता है तो ना सिर्फ शादी अमान्य होगी बल्कि ये एक संज्ञेय गैरजमानती अपराध होगा जिसका मुकद्दमा प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायलय में चलेगा । यदि दोष सिद्ध होता है तो जबरन धर्म परिवर्तन कराने वाले को अधिकतम 10 साल की सजा का प्रवधान इस अध्यादेश में किया गया है। 
(उत्तर प्रदेश सरकार ने छल कपट के जरिए शादी करके जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए तैयार अध्यादेश के मसौदे को अपनी मंजूरी दी. - फ़ाइल फोटो)


     इस अध्यादेश के अनुसार शादी के बाद धर्म परिवर्तन सिर्फ उसी स्थिति में ही मान्य होगा जब एक धर्म से दूसरे धर्म को अपनाने वाले के सम्बंधित पक्ष गण ऑफिशल पदाधिकारी के सामने घोषणा करें कि धर्म परिवर्तन स्वेच्छा से किया गया है और उसके ऊपर किसी तरह का कोई दबाव नहीं डाला गया है । इसके साथ ही इस अध्यादेश में जबरन सामूहिक धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए भी पुख्ता इंतेज़ाम किए गए है और उसे भी दंड योग्य बनाया गया है ।

     इधर मंगलवार को उत्तर प्रदेश के माननीय उच्च न्यायलय ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अहम आदेश दिया, आदेश में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से रोकने के लिए सर्वाधिक प्रभावित 6 जिलों में प्रयागराज, लखनऊ, गाज़ियाबाद, कानपुर, मेरठ और गौतमबुद्ध नगर में मास्क पहनने की अनिवार्यता को कड़ाई से लागू किया जाए और इन जिलों में 24x7 ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाए । लखनऊ विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर शताब्दी उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डाक टिकट और स्मारक सिक्के का विमोचन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शाम को किया।