जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने बुधवार को मुहाना मंडी रोड़ स्थित केसर चौराहे के ओमाश्रय सेवाधाम आश्रम पर निजी स्कूल संचालकों की हठधर्मिता और राज्य सरकार की सद्बुद्धि के " सद्बुद्धि यज्ञ " कर दोनों को अभिभावकों की पीड़ाओं को समझने की कामना की. आश्रम संचालक यशपाल यक्ष ने यज्ञ में मन्त्रों का उच्चारण किया और संयुक्त अभिभावक संघ के अध्यक्ष अरविंद रजनी अग्रवाल, उपाध्यक्ष मनोज शर्मा, लीगल सेल अध्यक्ष एडवोकेट अमित छंगाणी, मंत्री युवराज हसीजा, मनोज जसवानी, महिला प्रभारी श्रीमती अमृता सक्सेना, श्रीमती दौलत शर्मा, वरिष्ठ सदस्य मनीष विजयवर्गीय आदि पदाधिकारियों ने यज्ञ में आहुति देते हुए स्कूलों और सरकार को सद्बुद्धि मिले की प्रार्थना की।
प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले आठ महीनों में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, प्रशासन सहित निजी स्कूल संचालकों को अनेकों बार पत्रों द्वारा अभिभावकों की पीड़ा से अवगत करवा चुके है किन्तु आज आठ महीनों बाद भी अभिभावकों की कोई सुनवाई नही हो रही है और ना ही कोई अभिभावकों की सुनना चाहता है। स्कूल और सरकार ने अभिभावकों को कठपुतली बना दिया है जैसा चाहे इस्तेमाल कर रहे है। जबकि हकीकत देखने को कोई तैयार नही है। शुक्रवार 20 नवम्बर को संयुक्त अभिभावक संघ ने 15 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन राज्य के मुख्यमंत्री के नाम जयपुर जिलाधीश को दिया। जिसे भी पांच दिन बीत गए किन्तु ना सरकार ध्यान दे रही है, ना स्कूल संचालक ध्यान दे रहे है। इसके विपरीत स्कूल फीस मुद्दे से लोगो का ध्यान भटकाने के लिए राज्य सरकार ई-क्लास चलाने की योजना बना रही है. तो शिक्षा बोर्ड पढ़ाई का प्रोपोगंडा रच रहे है।
जबकि वर्तमान में अभिभावक सबसे बड़े फसाद स्कूल फीस को लेकर चिंतित है. जिस ना कोई जवाब देने को तैयार, ना ही कोई सुनवाई करने को तैयार। एक मात्र आशा राजस्थान हाईकोर्ट से है जिसकी भी निजी स्कूल संचालक लगातार अवहेलना कर कोर्ट का भी खुलेआम अपमान कर रहे है। इस सबके बीच सरकार की चुपी और निजी स्कूल संचालकों को संरक्षण सवाल खड़े करता है। वरिष्ठ सदस्य मनीष विजयवर्गीय ने बताया कि बुधवार को संयुक्त अभिभावक संघ ने धरना देने से पूर्व सद्बुद्धि यज्ञ की योजना बनाई थी. धारा 144 और कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस आयोजन में अभिभावकों को नही जोड़ा गया क्योकि हम स्कूल संचालक नही देश के आम नागरिक है और कानून की इज्जत करना जानते है. कानून के प्रति सम्मान रखते है। इस आयोजन में संघ के 10 पदाधिकारियों ने भाग लेकर " सद्बुद्धि यज्ञ " सम्पन किया और यज्ञ के माध्यम से देश के नागरिक कोरोना महामारी से सुरक्षित रहे. अभिभावकों को राहत मिले और स्कूल और सरकार को सद्बुद्धि मिले की यज्ञ में आहुति देकर प्रार्थना की।
अगले 1-2 दिन में सरकार निजी स्कूल संचालकों पर कोई एक्शन नही लेती है तो मजबूरन अभिभावकों को सड़कों पर उतरना पड़ेगा और धरना देना पड़ेगा, धरना देने से रोका गया तो अभिभावकों को अगले पड़ाव की ओर अग्रसर होना पड़ेगा।
स्कूल फीस के साथ साथ अब लेट फीस जमा करवाने पर पेनल्टी लेने की धमकियां भी देने लगे स्कूल संचालक
संयुक्त अभिभावक संघ मंत्री युवराज हसीजा और मनोज जसवानी ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले आठ महीनों से निजी स्कूल संचालक तरह-तरह के प्रोपोगंडे कर अभिभावकों पर फीस वसूलने के दबाव बना रहे थे किंतु जिस दिन से स्कूल संचालकों ने राज्य सरकार से बन्द कमरों में वार्ता की है तब से लगातार खुलेआम धमकियां देकर फीस वसूलने का दबाव बना रहे है। स्कूल संचालकों की हद इतनी बढ़ गई है कि स्कूल फीस जमा करवाने की तिथि निर्धारित से लेट फीस जमा करवाने पर 15 रु प्रतिदिन पेनल्टी वसूलने की भी धमकियां खुलेआम दी जाने लगी है।
जबकि मामला कोर्ट में विचारधीन है और राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने सभी तरह की फीस वसूलने पर पूरी तरह से रोक लगाई हुई है। उसके बावजूद भी स्कूल संचालक खुलेआम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे है। संयुक्त अभिभावक संघ को ऐसी बहुत सी शिकायतें प्राप्त हुई है जिसे जिलाधीश, शिक्षा अधिकारी और शिक्षा मंत्री तक पहुंचा दिया है किंतु कोई कार्यवाही अब तक नही हुई है, समस्त तथ्यों के साथ स्कूल संचालकों की हठधर्मिता कोर्ट के समक्ष वाद सूचीबद्ध होते ही रखी जायेगी। बकायदा कोर्ट की अवमानना करने की शिकायत भी दर्ज करवाई जाएगी।