स्कूल फीस मुद्दा .....संयुक्त अभिभावक संघ ने दी चेतावनी, अभिभावकों को राहत नही मिली तो शनिवार, रविवार से देंगे धरना

20 नवम्बर को 15 सूत्रीय मांगों के साथ दिया था अल्टीमेटम, मुख्यमंत्री के नाम दिया था ज्ञापन, 7 दिन बाद भी कोई राहत नही

स्कूल संचालक लगातार कर रहे है मनमानी, अब फीस के साथ लेट फीस वसूलने का भी दे रहे मेसेज

     जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राज्य सरकार को एकबार फिर चेतावनी देते हुए कहा है कि अगले एक-दो दिन में राज्य सरकार अभिभावकों को राहत देते हुए निजी स्कूल संचालकों पर लगाम लगाए अन्यथा कोरोना महामारी जैसी परिस्थिति में मजबूरन अभिभावकों धरना देना पड़ेगा। संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि 20 नवम्बर को 15 सूत्रीय मांग और अल्टीमेटम पत्र मुख्यमंत्री के नाम जयपुर जिलाधीश, प्रिंसिपल सेकेट्री शिक्षा विभाग राजस्थान आदि को दिया था किंतु मांग पत्र को दिए सात दिन बीत गए लेकिन सरकार ने अभी तक कोई सुनवाई नही। जिससे साफ-साफ झलकता है कि राज्य सरकार अभिभावकों को राहत देने के बिल्कुल भी तैयार नही है।

     अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल और महामंत्री संजय गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते दिनों निजी स्कूल संचालकों ने अभिभावकों और कोर्ट के आदेशों के खिलाफ जाकर एवं झूठे तथ्यों का राग अलाप कर धरना और आमरण अनशन किया तो राज्य सरकार ने तत्काल बन्द कमरों में बैठकर स्कूल संचालकों को अभिभावकों को लूटने का अधिकार प्रदान कर दिया जबकि राज्य सरकार ने मामला कोर्ट में लंबित होने तक का अहसास तक नही रखा। संयुक्त अभिभावक संघ पिछले छः महीनों से अभिभावकों की पीड़ाओ को लेकर सरकार और प्रशासन से वार्ता करने का प्रयास कर रही है किंतु ना सरकार अभिभावकों की समश्या सुनना चाहती है और ना ही प्रशासन। ऐसी स्थिति में अब अभिभावक हताश और निराश है, अभिभावक केवल वोट बैंक नही इस राज्य का नागरिक है। अगर राज्य का नागरिक प्रताड़ित हो रहा है तो राज्य की सरकार का प्रथम कर्तव्य बनता है कि वह सबसे पहले राज्य के नागरिक की सेवा करे किन्तु राज्य सरकार स्कूल संचालकों को संरक्षण दे रही है और अभिभावकों को प्रताड़ित कर रही है।


     उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश का अभिभावक निजी स्कूलों की हठधर्मिता से आक्रोशित है निजी स्कूल संचालक पहले केवल स्कूल फीस जमा करवाने का दबाव बना रहे थे किंतु अब स्कूल संचालक लेट फीस भी वसूलने के मैसेज दे रहे है साथ ही पहले अभिभावकों को फोन कॉल कर धमकियां दी जा रही थी किन्तु सरकार से वार्ता के बाद निजी स्कूल संचालकों ने बच्चों को फोन कॉल कर फीस जमा करवाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया, जिससे अभिभावकों पर दबाव बनाया जा सके। पहले स्कूल संचालक अभिभावकों को प्रताड़ित कर रहे थे. अब स्कूल संचालक बच्चो के जरिये अभिभावकों को प्रताड़ित कर रहे है। संयुक्त अभिभावक संघ पिछले आठ महीनों से लगातार अपनी पीड़ा सरकार, प्रशासन और स्कूलों को दर्ज करवा रहे है किंतु अभिभावकों की कोई सुनने को तैयार नही है 20 नवम्बर को दिए ज्ञापन में संयुक्त अभिभावक संघ ने खुलकर राज्य सरकार को चेतावनी दी थी और अपनी 15 मांगे रखी थी, गुरुवार को 7 दिन बीत गए लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। अब अगले एक-दो दिन में राज्य सरकार कोई कार्यवाही नही करती है तो शनिवार या रविवार से संयुक्त अभिभावक संघ जयपुर के गवर्मेंट हॉस्टल पर अपना धरना प्रारम्भ करेगी अगर कोई जोर जबर्दस्तीय की गई तो आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।