हर साल 10 करोड़ डोज का करार
दुनिया भर की निगाहें अब कोरोना वैक्सीन पर हैं. इसी कड़ी में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी के लिए भारत की दवा कंपनी हेटरो ने रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) से करार किया है. इसके तहत भारत में हर साल वैक्सीन की 10 करोड़ डोज बनाई जाएंगी. रूस के सावरेन वेल्थ फंड ने एक बयान में कहा कि कोरोना की वैक्सीन स्पुतनिक-वी का उत्पादन 2021 में शुरू करने का इरादा है. स्पुतनिक के ट्विटर अकाउंट पर भी एक बयान के हवाले से इसकी जानकारी दी गई है.
इस समय इस वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल बेलारूस, यूएई, वेनेजुएला और अन्य देशों में चल रहा है. जबकि भारत में दूसरे चरण और तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है. रूस की इस वैक्सीन के डोज बनाने के लिए 50 से ज्यादा देश अनुरोध कर चुके हैं. ग्लोबल मार्केट में सप्लाई के लिए वैक्सीन का प्रोडक्शन भारत के अलावा चीन, ब्राजील, साउथ कोरिया और दूसरे देशों में भी किया जाएगा.
हेटरो लैब्स लिमिटेड के डायरेक्टर, मुरली कृष्ण रेड्डी ने कहा कि कोरोना के इलाज में स्पूतनिक वी की वैक्सीन सबसे कारगर है. वैक्सीन तैयार करने के लिए आरडीआईएफ के साथ इस पार्टनरशिप से हम बहुत खुश हैं. यह पार्टनरशिप कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारे कमिटमेंट और मेक इन इंडिया के मकसद को पूरा करने के लिए एक और कदम है. रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी वैक्सीन के 95 प्रतिशत असरदार होने का दावा किया गया है.