बाडेबंदी! लाँकडाउन का खतरा!! कौई पिछले नहीं!!!

 From - भूपेन्द्र औझा 

     भीलवाड़ा। चुनाव हो, या अविश्वास प्रस्ताव! अपनो पर ही अविश्वास! एक बार फिर बाडेबंदी हो गई। वजह!जिला प्रमुख, प्रधान के उम्मीदवार को अपने ही हरा न दे!! जिला-पंचायत समिति सदस्यों बाबत मतदान हो गया। पर मतगणना मे दो दिन, तो जिला प्रमुख, प्रधान के चुनाव में चार दिन बाकी।लेकिन काग्रेंस-भाजपा दोनों के सूप्रीमो ने अपने द्वारा चयनित प्रत्याशियों को घरबार से दुर, अपनी कडी निगरानी मे ले लिया है। 

     पंचायत समिति प्रत्याशी तीर्थाटन का आनंद ले रहे। कोई उन्हें कृष्ण नगरी द्वारिका घूमा रहा, तो कोई हरिद्वार, उज्जैन महाकाल। एक जनाब ने तो अपनी ईस्ट देवी के दर्शन का लाभ देने के लिए तीर्थाटन के साथ प्रयटन जैसलमेर घुमा रहे। एक दो मुखिया इससे भी होशियार निकले! अपने हल्के के पार्टी उम्मीदवारों को अपने पंचायत समिति क्षेत्र से निकाल, जिले में ही फार्म हाँऊस मे रख चूर्मा बाटी परोस रहे।

     खास बात! राजनैतिक गलियारों में चर्चा यह भी है कि, अपनी जीत पक्की करने के लिए, कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य सरकार प्रदेश में रात के साथ अब दिन में भी लाँकडाउन लगा सकती? जिससे कि जिले- प्रदेश से बाहर घुम रहे विरोधी प्रत्याशी समय नामांकन- मतदान पर अपने क्षेत्र में नहीं पहुंच सके, ओर अपना फतह का काम हो जाये?