दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान और समापन के अवसर पर बम ब्लास्ट की घटना राष्ट्र के लिए शुभ संकेत नहीं - अजीत सिन्हा

      यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली में देश विरोधी तत्वों का प्रवेश एक बार पुनः हो चुका है. 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिस तरह से कतिपय आंदोलन की आड़ में  राष्ट्र गौरव और देश की सार्वभौमिकता, अखण्डता, एकता और आजादी के  प्रतीक तिरंगे का अपमान हुआ, वह सर्वथा निंदनीय है।  भारत की जनता के दिलों को चोट पहुंचाने वाली है.  हद तो तब हो गई जब गणतंत्र दिवस के समापन समारोह बीटिंग रिट्रीट के दिन दिल्ली के हाईली सुरक्षित क्षेत्र में IED या बम ब्लास्ट कर राष्ट्र विरोधी तत्वों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर देश के दिल राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए भारत की सरकार और आम जनता को यह सोंचने पर मजबूर कर दिया कि क्या भय या डर के पुराने माहौल पुनः राष्ट्र में स्थापित होने वाले हैं।

     आखिर गृह मंत्रालय अपनी जिम्मेवारियों को किस तरह से निभा रहा है कि स्तिथि कंट्रोल से बाहर होती जा रही है?  इन घटनाओं के लिये राष्ट्र विरोधी तत्व तो जिम्मेदार हैं ही लेकिन दिल्ली सहित पूरे राष्ट्र की सुरक्षा की जिम्मेवारी भारत सरकार और स्थानीय राज्य सरकारों की ही है। कितना सब कुछ अच्छा चल रहा था।  बम ब्लास्ट जैसी घटनाओं पर लगभग विराम ही लग चुका था।  राष्ट्र में भय और डर का माहौल लगभग समाप्त ही हो चुका था लेकिन आतंकवादी अपनी करनी से बाज आने वाले नहीं हैं.  जब तक उनके अंदर पुनः भय के माहौल को पैदा नहीं किया जाये। इस हेतु मैंने पहले ही भारत सरकार से बुद्धिमत्ता और कठोरता पूर्ण कारवाई का आग्रह कर चुका हूँ।     

     मेरी समझ से किसान आंदोलन के आड़ में राष्ट्र विरोधी आतंकी तत्व दिल्ली में प्रवेश कर चुके हैं. हो सकता है हथियारों के जखीरे को भी कहीं पहुंचा न दिया गया हो खैर ये प्रोपर जाँच का विषय है और भविष्य में उम्मीद करते हैं कि सच्चाई बाहर आएगी ही और आतंकी तत्वों पर सरकार कठोरतम कारवाई करने से नहीं चुकेगी क्योंकि अब हिन्दुस्तान न ही अपने तिरंगे का अपमान ही सहेगा और न आततायी तत्वों को फलने - फूलने ही देगा l

     इस तरह की प्रतिक्रिया प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राष्ट्र प्रहरी पत्रकारों के समक्ष प्रकट की। जय हिंद