धर्म के आधार पर देश विभाजन का सपना देखने वाले होश में रहें - अजीत सिन्हा

     गणतंत्र दिवस पर कल दिल्ली स्तिथ लाल किला पर धर्म विशेष का झंडा फहराने वाले होश में रहें क्योंकि आज का भारत चूं-चूं का मुरब्बा नहीं कि जिसे आप खा जाएंगे या टुकड़ों में विभक्त कर देंगे.  आज भगत सिंह की आत्मा भी रो रही होगी क्योंकि उन सहित सभी क्रांतिकारियों ने ऐसे भारत की कल्पना कभी भी नहीं की होगी। खासकर वैसे कौम के लोगों से जिनकी राष्ट्र प्रेम की गाथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पन्नों में भरी पड़ी है। मुझे आश्चर्य होता है कि ऐसी देशभक्त कौम राष्ट्र विरोधी तत्वों में कैसे शामिल हो सकती है?

 आज भारत को इस्लामिक आतंकवाद के साथ - साथ सिख आतंकवादियो से भी खतरा है जिससे भारत की सरकार को कठोरता के साथ-साथ बुद्धिमत्ता से भी निपटने की जरूरत है क्योंकि राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा पर आंच आ गई है. ऐसे देश विद्रोही तत्वों को सबक सिखाने की जरूरत है. इस्लाम एवं सिख धर्म के लोगों को मैं कहना चाहता हूं कि अलग होने से आपका न ही कल्याण होने वाला है और न ही आपकी शक्ति ही बढ़ने वाली है क्योंकि इसका उदहारण आज का पाकिस्तान है जिसकी स्तिथि भिखारियों से भी बदत्तर हो गई है. उसे देखकर आप अपने भविष्य का आकलन स्वयं कर सकते हैं. जान सकते हैं कि पाँच धर्मों के भाइयों की एकता में ताकत है या अलग - अलग रहने में. आज का भारत महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है और अपने विश्वगुरु बनने के सपनों के तहत सर्व धर्म समभाव और वसुधैव कुटुम्बकम् के भाव पर ही कार्य कर रही है, करती रहेगी। इसलिये मेरी समझ से भारत की जनता किसी भी तरह के विभाजन को स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि यहां की जनता को पता है कि एकता में ही बल होता है।

     खासकर भारत सरकार के साथ-साथ भारत की सभी राजनीतिक पार्टियों से मेरा निवेदन है कि देश में एकता बनाये रखने में आप सत्तासीन सरकार की मदद करें और सकारात्मक राजनीति का भाग बनें अर्थात्‌ जो जहां गलत है उसका विरोध करें। सही मुद्दों पर सरकार का समर्थन भी करें। जय हिंद!