नेताजी सुभाष सेना के कमांडर - इन - चीफ और प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी सर्वमान्य नेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 125 वीं जयंती के अवसर पर अपने तमाम साथियों और सहयोगियों की ओर से उन्हें याद करते हुए यह कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस पूरे राष्ट्र के एक सर्वमान्य नेता थे जिन्हें भारत के सभी जातियों, सम्प्रदायों, वर्गों, पंथों का समर्थन प्राप्त था , यहां तक कि उन्होंने मजदूर आंदोलन का भी नेतृत्व किया, जिससे उस समय के सबसे बड़े उद्योगपति टाटा समूह को भी पहली बार राष्ट्र में मजदूरों के लिए बोनस सिस्टम लागू करना पड़ा था. भारत की स्वतंत्रता आंदोलन में उन्होंने अंग्रेजों को नाको चने चबाने पर मजबूर कर दिया। बाद में अंग्रेजों ने लिखित रूप से यह माना कि वे गाँधी जी के लाठी के भय से भारत छोड़कर भागने पर मजबूर नहीं हुये थे अपितु नेताजी सुभाष चंद्र बोस के युद्ध के शंखनाद से ही भारत छोड़े थे।
(नेताजी सुभाष चंद्र बोस) |
लेकिन दुःख की बात यह रही कि जिस भारत के लिये आपने लड़ाई लड़ी उस देश के कुछ जयचंदों (गद्दारों) ने अपने स्वार्थ और सत्ता लोलुपता की वज़ह से आपको धोखे से या तो मौत के घाट उतार दिया या आपको अदृश्य रहने पर मजबूर कर दिया। देश के लोगों को आपके एक्सीडेंटल मौत की कहानी सुना दी गई. करीब सत्तर सालों तक आपकी स्मृति को लोगों के मानस से मिटाने का प्रयास किया गया लेकिन "देश की जनता आपको न भूली है और न ही भूलेगी" क्योंकि आपने अमरत्व को प्राप्त किया है और देशवासियों को आपके अमरत्व पर नाज़ है. वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपके जन्म दिवस को "पराक्रम दिवस" के रूप में मनाने की घोषणा की है. जिसका भारत की जनता द्वारा हार्दिक रूप से स्वागत किया गया लेकिन दुःख की बात यह है कि अभी तक कतिपय आजादी के बाद के किसी भी शासक ने आपके संबंध में छिपे रहस्यों पर से पर्दा उठाने की जहमत नहीं उठाई। ऐसा लगता है ना ही किसी में हिम्मत ही है परन्तु नेताजी सुभाष सेना अपने प्रस्तावित राजनीतिक बैनर नेताजी सुभाष पार्टी के तले आपके लिये और भारतीय जनमानस की संतुष्टि हेतु इन्साफ की लडाई लड़ती रहेगी l जय हिंद