बौद्धिक आतंकवाद हथियारों वाली आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक - अजीत सिन्हा

     राँची । प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक, सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा ने भारत सहित पूरे विश्व में परोसे जाने वाले बौध्दिक आतंकवाद पर चिंता जताते हुए कहा कि इस तरह का आतंकवाद हथियारों वाले  आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक है ,जो कि सोशल मीडिया सहित, प्रिंट मीडिया के माध्यम से भारत सहित वैश्विक समाज में बड़े पैमाने पर परोसा जा रहा है।

(अजीत सिन्हा
     हथियारों वाली आतंकवादी गतिविधियां तो सामने से दिख भी जाती हैं लेकिन बौध्दिक आतंकवाद लेख, विजुअल वाक् वीडियो, ऑडियो और समाचार पत्रों के माध्यम से देखने और सुनने को मिलते है और इससे कई लोग अपने धर्म के प्रति कट्टर होकर आतंकी कारवाई करने लगते हैं. खासकर एक वर्ग विशेष या विचारधारा वाले लोगों को इसमें महारत हासिल है. जो नव चेतन मन, दिल व दिमाग को दिग्भ्रमित कर देते हैं और बच्चों में परिपक्वता नहीं रहने से वे बौद्धिक आतंकवाद के शिकार हो जाते हैं।

     किताबों और पाठ्य-पुस्तकों के लेखन के माध्यम से इतिहास को तोड़ - मरोड़ कर और धार्मिक आस्थाओं पर चोट कर बौद्धिक आतंकवादी अपने ढंग से लोगों की मानसिक स्थिति को कैप्चर करने की कोशिश करते हैं, जो कि सर्वथा गलत है। इसलिये मैं हमेशा कहता हूं कि लोगों की बातों को परखने की की कोशिश अपने ज्येष्ठ ज्ञानी जनों के माध्यम से या अपने मित्रों के बीच आपस में डिबेट कर या ग्रंथो, पुस्तकों इत्यादि द्वारा प्रमाण ढूँढने की कोशिश अवश्य करें या जिन्होंने भेजी उनसे यदि संपर्क होता हो तो प्रमाण माँगे और तभी विश्वास करें अर्थात्‌ कहने का तात्पर्य यह है कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सजग रहें नहीं तो कोई भी आपका दिमाग हैक कर आपसे कुछ गलत भी करवा सकता है। वंदे मातरम्, जय हिंद!