प्रदेश के निजी एवं सरकारी स्कूलों को एक प्लेट फॉर्म पर लाकर एडमिशन प्रक्रिया में लाये पारदर्शिता, स्थापित करे नियामक बोर्ड

 News from - अभिषेक जैन बिट्टू

     जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने शनिवार को बजट लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि " बजट को लेकर विधानसभा का सत्र चल रहा है, इस बजट से प्रदेश के करोड़ो अभिभावकों और जनता को शिक्षा के क्षेत्र को लेकर बेहतर उम्मीदे जुड़ी हुई है। शिक्षा को लेकर पूर्व में भी बहुत घोषणाएं तो हुई किन्तु वह अमल में नही लाई गई। इस बार अभिभावकों की मांग है कि राज्य सरकार अपने घोषणा पत्र के अनुसार नियामक आयोग की स्थापना करें, जिससे निजी स्कूलों पर लगाम लगाई जा सके, अभिभावकों के अधिकारों का संरक्षण किया जा सके।

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि राज्य सरकार को शिक्षा में बेहतर कार्य करने की अति आवश्यकता है जो ना पिछली सरकारों ने इसकी कल्पना की और ना ही अब तक कार्यकाल वाली सरकार कर रही है। फिर भी प्रदेश का अभिभावक, युवा एक आश राज्य सरकार के प्रति लगाए हुए बैठे है। प्रदेश के अभिभावकों को आगामी बजट में जो सबसे बड़ी राहत चाहिए वह कोरोना महामारी से उपजे संकट काल के दौरान की फीस से राहत जिस पर राज्य सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। भविष्य के लिए निजी स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए शक्ति के साथ कार्य प्रणाली भी निर्धारित होनी चाहिए। फीस किस - किस मद में होगी उसको लेकर जो चुनावी घोषणा पत्र शामिल किया था कि नियामक आयोग की स्थापना की जाएगी उसे प्राथमिकता के साथ लागू करना चाहिए। 

     सरकारी स्कूलों की दिशा और दशा पर भी सरकार को गंभीरता से विचारकर व्यापक सुधारा की दिशा में कदम उठाने चाहिए। पिछले वर्ष राज्य सरकार ने इंग्लिश मीडियम खोलने की घोषणा की थी किन्तु अभी तक उस पर सरकार ने कोई कार्यप्रणाली निर्धारित नही की है। जिस पर विशेष फोकस देना चाहिए साथ ही अन्य राज्यों और देशों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों की बिल्डिंगों को भी बेहतर बनाने की दिशा में भी कदम उठाने चाहिए। वर्तमान हालातों को देखकर प्रदेश के अभिभावक निजी स्कूलों से बड़ी संख्या में किनारा कर रहे है और सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाना चाहते है। जिस पर राज्य सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। पिछले 11 महीनों से अभिभावक सड़कों पर जिस पर भी राज्य सरकार स्वयं के स्तर पर संज्ञान लेकर निजी स्कूलों से फीस फसाद के निपटारे की दिशा में कार्य करना चाहिए। निजी स्कूलों पर भी लगाम लगाई जा सके ऐसे कानूनी प्रावधान बनाने चाहिए एवं सरकारी स्कूलों की दिशा और दशा को भी सुधारना चाहिए। बकायदा शिक्षा को लेकर प्रत्येक अभिभावक जागरूक हो उसको लेकर एवं अधिकारों के संरक्षण को लेकर सभी जानकारियों के लिए प्रत्येक निजी व सरकारी स्कूलों में हेल्प डेक्स की स्थापना भी करनी चाहिए।