प्रियंका गांधी की पावन त्रिवेणी नदी के संगम मे पवित्र तीन डुंबकी, खेवनहार बने नांव गैही

From - भूपेन्द्र औझा

     भक्ति दिवस गुरुवार को प्रयागराज नगरी में दोपहर को अचरजभरा भावुक पल रहा। काग्रेंस महासचिव प्रियंका गांधी गुरुवार 11 फरवरी को सुबह दिल्ली से एक चार्टर्ड प्लेन से अपनी बेटी मिराया ओर उसकी तीन सहेलियों तथा उत्तरप्रदेश विधान मंडल काग्रेंस नेता आराधना मिश्रा" मोना" के साथ अचानक बिना किसी कार्यक्रम के बमरौली एयरपोर्ट पर उतरी। प्रियंका गांधी सीधे आन्नद भवन गई ओर अपनी बेटी मिराया एवम उसकी सहेलियों को देश आजादी मे स्वत्रंता सैनानियों की बैठकों के गंवाह रहे आन्नद भवन ओर अपनी विरासत से अवगत करा, पास ही स्वराज भवन स्थिति चिल्ड्रन नेशनल इंस्टीट्यूट दिखाया।

     फिर बिना किसी को सूचना के अरैल घाट पहुंच गई। नाव मे सवार हो, प्रोटोकॉल तौड, मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर संगम पावन त्रिवेणी नदी में बेटी मिराया उसकी सहेलियों के साथ प्रियंका गांधी ने तीन पवित्र  डुंबकी लगाई। पुरोहित प्रदीप पाण्डेय एवम संदीप मिश्रा से विधी विधाननुसार 15 से 20 मिनिट तक श्रद्धा से पुजा अर्चना की। संगम से फिर नाव द्वारा अरैल घाट लौटते प्रियंका गांधी ने खुद नाव खेवने की इच्छा जता, दोनों हाथ से पूरी ताकत से पतवार चला नाव को आगे ले जाने लगी ! पीछचे नाव मे बैठे प्रमोद तिवारी भावुक हो दोनों हाथ उठा जोर जोर से "पवित्र त्रिवेणी गंगा मांईया की जय हो"बौल पडे!! पतवार चला खेवनहार बन  नाव को अरैल घाट तक प्रियंका गांधी के ले आने पर सब  बौल पडे,"काग्रेंस की खेवनहार बन प्रियंका उसे पार ले जायेगी"!!!