योगी आदित्यनाथ सरकार का पेपरलेस बजट, किसानों को मुफ्त पानी और सस्ते लोन की व्यवस्था

      उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज विधानमंडल के बजट सत्र में भारी भरकम बजट पेश क‍िया। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने उत्तर प्रदेश का बजट एक घंटा 40 मिनट में पेश किया। खन्ना ने 2021-2022 का कुल बजट 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ का पेश किया।  इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020-21 में बजट 5.12 लाख करोड़ रुपये का था। इस तरह बीते वर्ष की अपेक्षा इस वित्तीय वर्ष का बजट 38 हजार करोड़ रुपया ज्यादा का है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख रुपये का बजट पेश क‍िया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने योगी आदित्यनाथ सरकार का पांचवां व अंतिम बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि पांच लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख के आकार का वित्तीय वर्ष 2021-22 बजट उत्तर प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित करने तथा राज्य की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण काल में काफी ऐतिहासिक काम हुआ है। सरकार ने 54 लाख लोगों को भरण-पोषण भत्ता दिया। इसके साथ मनरेगा में 29.58 करोड़ मानवदिवस सृजित किया। 40 लाख प्रवासी श्रमिकों को रोडवेज ने अपने घरों को भेजा। उन्होंने कहा कि 2020 पूरे विश्व के लिए चुनौती पूर्ण रहा है। इसमें भी प्रदेश के चिकित्सा तंत्र के साथ पुलिस विभाग ने भी बड़े स्तर पर काम किया।

यह बजट प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 

     उत्तर प्रदेश के विधानमंडल के बजट सत्र में आज विधानसभा में बजट प्रस्तुत होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट पर प्रकाश डाला। उन्होंने विधान भवन के तिलक हाल में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के साथ मीडिया को संबोधित किया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा आज प्रदेश सरकार ने 2021-2022 का कुल बजट 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ का पेश किया। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020-21 में बजट 5.12 लाख करोड़ रुपये का था। इस तरह बीते वर्ष की अपेक्षा इस वित्तीय वर्ष का बजट 38 हजार करोड़ रुपया ज़्यादा का है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने लोक कल्याणकारी बजट पेश किया है। सरकार का फोकस प्रदेश के हर कोने के विकास का है। हम हर घर को बिजली के साथ हर गांव तो सड़क तथा गांव में हर घर में पेयजल की व्यवस्था पर फोकस करने के साथ शहरों को भी स्मार्ट बनाने के लिए काफी प्रयासरत हैं।