जेहादियों, गद्दारों, देशद्रोहियों और राष्ट्र विरोधी तत्वों का एक मात्र ईलाज, "आर्थिक बहिष्कार" - अजीत सिन्हा

     आज प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सह प्रवक्ता एवं नेताजी सुभाष सेना के कमांडर - इन - चीफ अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राष्ट्र भक्त नागरिकों से अपील की कि यदि आप जड़ से जेहादियों, गद्दारों, देशद्रोहियों एवं राष्ट्र विरोधी तत्वों का ईलाज चाहते हैं तो ऐसे तत्त्वों की पहचान कर जो कि हर धर्म में बैठे हुए हैं का पूर्ण रूप से आर्थिक बहिष्कार करें और उनके आर्थिक कमर को तोड़ें ताकि ऐसे तत्व राष्ट्र में अपना सिर न उठा सकें और राष्ट्र की सम्पत्तियों को नुकसान न पहुंचा सकें और इस हेतु राष्ट्र भक्त जनता को चाहिये कि वे अपनी छोटी - बड़ी सभी तरह की खरीदारी राष्ट्र प्रेमियों और भक्तों की दुकानों, प्रतिष्ठानों, कम्पनियों से करें ताकि राष्ट्र भक्त कौम आर्थिक स्वावलंबन को प्राप्त कर सके और राष्ट्र विरोधी तत्वों का पूर्ण रूप से आर्थिक बहिष्कार करें।

(Ajeet Sinha)

     यहाँ पर यह विदित हो कि मैंने सभी धर्मों में छुपे गद्दारों की पहचान करने पर बल दिया न कि धर्म विशेष पर क्योंकि राष्ट्र विरोधी ग़द्दार सभी धर्मों में छुपे बैठे हैं। सरकार की अपनी जिम्मेवारी यह बनती है कि उनके हाथ में जनता और प्रशासन की शक्ति है जिसका उपयोग कर वे वैसे तत्त्वों की पहचान कर उन पर मुकदमा दर्ज करे और फास्ट ट्रैक कानूनी प्रक्रिया द्वारा उन्हें देश से बाहर निकालने हेतु प्रयास करे क्योंकि राष्ट्र भक्त अब ऐसे देश विरोधी तत्वों को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं और संविधान में संशोधन कर देश द्रोह की परिभाषा को पुनः परिभाषित करे और जरूरत पड़ने पर इसके लिए कमेटी बनाने की आवश्यकता हो तो अवश्य बनाये क्योंकि इस समय देश को सख्त कानून की जरूरत है और बनाये कानून को सख्ती से लागू भी करे l

     भारतीय संविधान ने हमें अभिव्यक्ति की आजादी दी है लेकिन टू मच डेमोक्रेसी भी देश के लिए घातक है और आजादी का यह तात्पर्य नहीं होता है कि आंदोलन की आड़ में अराजकता फैलायें और देश में देश विरोधी तत्वों को फलने - फूलने दें। अपमान, अपमान होता है और व्यक्तिगत अपमान तो व्यक्ती सह सकता है लेकिन राष्ट्र का अपमान नहीं और इस समय देश की परिस्थिति अच्छी नहीं है क्योंकि कुछ राष्ट्र विरोधी तत्व देश को तोड़ने की गतिविधियों में लगे हुए हैं और वे किसान आंदोलन में खालिस्तान और पाकिस्तान समर्थित नारे लगाते हैं जिससे स्पष्ट होता है उनकी मंशा एक बार पुनः देश को तोड़ने की ही है जिसे राष्ट्र प्रेमी नागरिक कदापि बर्दाश्त नहीं कर सकते।

     इसलिये मेरी समझ से अब राष्ट्र प्रेमी नागरिकों की भी जिम्मेवारी बनती है कि वे राष्ट्र विरोधी तत्वों की पहचान कर उनका पूर्ण रूप से आर्थिक बहिष्कार करे। वंदे मातरम्, जय हिंद!