News from - अरविंद चित्रांश (संयोजक)
आजमगढ़ पूर्वांचल! तमसा की धरती आजमगढ़ में होने वाला अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत 2021 का आयोजन महामहिम राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री योगी जी का बहुमूल्य समय, होली और चुनाव को ध्यान में रखते हुए,नहीं मिल पाने के कारण,दुनिया को एकता के सूत्र में जोड़ने वाला भोजपुरी लोककला और साहित्य का यह अंतरराष्ट्रीय महाआयोजन अब अप्रैल या मई के अंत में होगा,
अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के संयोजक, भोजपुरी एकेडमी के संस्थापक, आजमगढ़ पूर्वांचल के जाने-माने लोककला संरक्षक अरविंद चित्रांश ने कहा कि पूर्वांचल की साहित्यिक और सांस्कृतिक धरती तमसा के तट आजमगढ़ में 24 से 26 मार्च 2021 को पूरी दुनिया को अपनी मातृभाषा, लोककला और साहित्य से समेटे हुए राष्ट्रीय कला सेवा संस्थान आजमगढ़ द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के तीन दिवसीय महाआयोजन में 24 मार्च को उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी जी द्वारा उद्घाटन और भोजपुरी के विभूतियों का अलंकरण और सम्मान समारोह 26 मार्च के मुख्यअतिथि के रूप में भारत के महामहिम राष्ट्रपति की उपस्थिति संस्था के सभी पदाधिकारियों द्वारा निवेदित थी, लेकिन होली का त्योहार और चुनाव के नाते, समय नहीं मिल पाने के कारण, अब यह अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत का आयोजन, अप्रैल या मई के अंत में पदाधिकारियों द्वारा तय किया गया है.
भोजपुरी मातृभाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में लाने के लिए महामहिम राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री, महामहिम राज्यपाल और माननीय मुख्यमंत्री के साथ तमाम प्रमुख सामाजिक और सांस्कृतिक सेवकों को चिट्ठी पत्री के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत का आयोजन तमसा तट आजमगढ़ में होना, समाज के सर्वांगीण विकास- सामाजिक,सांस्कृतिक,लोककला एवं साहित्यिक व्यवस्था का समुचित रूप से प्रचार-प्रसार करते हुए दुनिया में लोककला और साहित्य के माध्यम से एकजुटता का संदेश देना संस्था का एकमात्र उद्देश्य है,
भोजपूरी समाज उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ मंडल के चारों तरफ बाबा विश्वनाथ की धरती वाराणसी, गोरखनाथ बाबा गोरखपुर, माता विंध्यवासिनी देवी मिर्जापुर, चन्दौली, सोनभद्र, संत रविदास नगर (भदोही), मऊ, गाजीपुर, बागी बलिया, जौनपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बिहार के भोजपुर (आरा), बक्सर, रोहतास, कैमूर (भभुआ), सीवान, सारन (छपरा), गोपालगंज, पूर्वी चम्पारन, पश्चिमी चंपारण, मध्य प्रदेश के सीधी, सरगुजा जिले को मिलाके एगो लोककला, सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और आर्थिक, आधार बनाते हुए पूर्वांचल का समृद्ध रूप से सर्वांगीण विकास करना संस्था का उद्देश्य है,
भोजपुरी क्षेत्र के सगरो जिला के पदाधिकारी बनाते हुए लगातार भोजपुरी लोककला प्रदर्शन, साहित्यिक संगोष्ठी,कवि सम्मेलन, सेमीनार और लोक कला के प्रदर्शन के माध्यम से प्रदेश और केन्द्र सरकार से निवेदन है कि -भोजपुरी भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल कईल जाय , अश्लील गीत संगीत साहित्य ,सिनेमा आ गन्दा प्रकाशन पर तत्काल रोक लगावल जाय , भोजपुरी लोककला,समाज,साहित्य,आर्थिक और संस्कृति का सर्वांगीण विकास किया जाए , भोजपुरी एकेडमी बनाई जाए, उत्तर प्रदेश में भी भोजपुरी भाषा को झारखंड की तरह से दूसरी भाषा का दर्जा दिया जाए, पूर्वांचल में भोजपुरी विश्व विद्यालय के स्थापना की जाय , खेती किसानी को उद्योग का दर्जा दिहल जाय और भोजपुरी क्षेत्र, पूर्वांचल को अपराध आ भ्रष्टाचार से मुक्त करते हुए राष्ट्रीय एकता के साथ सामाजिक,साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का परचम लहराया जाए.