भारत को सृदृढ़ बनाने के लिए बने समान सविंधान

News from - ARVIND  SAXENA

     बरेली (उत्तर प्रदेश) - सत्य सनातन रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद चित्रांश ने कहा देश विभाजन से पहले ब्रिटिश सरकार की शिक्षा थी कि भारत में शासन करना है तो फूट डालों, शासन करो. उसी नीति को दोहराने के लिए गेंडी की चापलूसियों ने नेहरू को देश का प्रधानमंत्री बनवाया. कांग्रेस शासनकाल में भीमराव अंबेडकर के कहने पर नेहरू ने अपनी साजिशों को कामयाब करने के लिए 10 वर्षों के लिए आंरक्षण को लागू किया, जिसे अंबेडकर की बात मानते हुए 1957 में खत्म कर देना चाहिए था लेकिन शासन सत्ता की लोलुपता में लिप्त नेहरू ने भीमराव अंबेडकर की बातों को अनसुना कर दिया. जो आज देश में नासूर बन चुका है. 

(अरविन्द सक्सेना

     वहीं से जातपात के भेदों ने जन्म लिया, जिसे लेकर चाईना ने भी कहा था वह जब चाहे भारत के 40 टुकड़े कर सकता है. वही देश में हो भी रहा है. अरविंद चित्रांश ने कहा भारतमाता को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को पीड़ित बनाए रखने के लिए कांग्रेस पुलिस की प्लानिंगनुसार जहाँ उन्हें अबतक पड़ताड़नाए देने के लिए साजिशों को अंजाम दिए जाते रहे हैं, वहीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी स्वतंत्रता सेनानियों को पैदा किया गया. जिनके सबूतों को उपलब्ध कराने के लिए स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सक्सेना ने सीबीआई को भी दावें से बताया है.

      सत्य सनातन रक्षा सेना के सभी रक्षकों ने भारत सरकार से कहा कि - देश में मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक शिक्षा और समान सविंधान बनाने पर पुरजोर दिया जाना चाहिए। ब्रिटिश  सरकार के बनाए सविंधान में रईसजादों, शासनिक-प्रशासनिक अधिकारियों, वहीं मध्यमवर्गीयों, गरीबों के लिए फर्क साफ झलकते हैं. जिस कारण खुलेआम माँ-बहन, बेटियों के बलात्कार, साधू संन्यासियों की हत्याएं, कमजोर वर्ग, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को कुचलकर, आपसी मतभेद की नीति का अंत करने के लिए एक देश, एक शिक्षा, एक सविंधान होना ही भारतमाता की ताकत बन सकता है. सनातन रक्षा सेना सनातन संस्कृति पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ विरोध करेगी। जय श्री राम, जय हिंद, वन्देमातरम 🚩