बाल आयोग ने संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर 7 दिवस में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी

News from - अभिषेक जैन बिट्टू

ऑनलाइन क्लास और स्कूल के ग्रुप से निकालने का मामला ...

अभिभावक और अभिभावक संघ की शिकायत के बाद हरकत में आया " बाल आयोग "

     जयपुर। निजी स्कूलों की मनमानियों को लेकर विभिन्न मामले सामने देखने को मिल रहे है ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को देखने को मिला था. गुरुवार को मानसरोवर स्थित वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल के एक अभिभावक ने अपने बच्चे की ऑनलाइन क्लास बन्द होने के संदर्भ संयुक्त अभिभावक संघ से संपर्क कर मदद मांगी, जिसके बाद अभिभावक संघ ने अभिभावक की शिकायत पर शिक्षा राज्यमंत्री, प्रिंसिपल सेकेट्री, बाल आयोग और जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की को लेकर पत्र लिखा। शनिवार को " बाल आयोग " ने अभिभावक और संघ की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर 7 दिवस में तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग को प्रेषित करने का आदेश दिया। 

     प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने बताया कि अभिभावक की शिकायत थी कि उनका बच्चा वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल में 10 वीं का छात्र है जिसकी पहली तिमाही फीस 20050 रु जमा होने के बावजूद स्कूल संचालकों 24 मई को ऑनलाइन क्लास बन्द कर दी, 25 मई को ऑनलाइन क्लास के लिए जब अभिभावक ने स्कूल से संपर्क किया तो जवाब देने की बजाय स्कूल द्वारा संचालित सभी व्हाटसअप ग्रुप से बच्चे को हटा दिया और दोपहर 1.32 बजे स्कूल के प्रशासक विकास का कॉल आता है वह " अभिभावक के अनुरोध पर टीसी ले जाने की बात करते हुए, बच्चे की पढ़ाई स्कूल में आगे जारी नही रख सकते है " कि बात बोलकर कॉल काट देता है। इसके बाद से अभिभावक ने स्कूल को मेल के जरिये जानकारी लेनी चाही किन्तु स्कूल द्वारा अभी तक कोई जवाब नही दी गई। अभिभावक को बच्चे के डिप्रेशन में जाने के डर सहित भविष्य की पढ़ाई को लेकर भी डर सताने लगा। स्कूल द्वारा कृत्य की घटना को लेकर अभिभावक ने संघ के हेल्पलाइन 9772377755 पर सम्पर्क किया और सारा वाक्या बताया, जिसके बाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल और विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने तत्काल अभिभावक की शिकायत पर शिक्षा राज्यमंत्री, बाल आयोग व जिला शिक्षा अधिकारी को तथ्यों के साथ पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की। 

     अभिभावक अभय कपूर ने बताया कि स्कूल के डायरेक्टर ने घमंड के चलते हमारे बच्चे के भविष्य से खिलवाड़ करने की साजिश रची, वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल में पिछले चार वर्षों से हमारा बच्चा पढ़ता आ रहा है किंतु यह मामला रिजल्ट के दौरान का था जब में स्कूल में बच्चे के रिजल्ट और चेक जमा करवाने गया था, उस दौरान मेरा चेक तो जमा कर लिया गया किन्तु रिजल्ट नही बताया गया, रिजल्ट रोकने को लेकर मेने स्कूल प्रशासन और डायरेक्टर से सवाल किए थे, अब स्कूल संचालक उसे विवाद बनाकर हमे डरा रहे है, बकायदा उसके लिए माफी मांगने की बात भी बोल रहे है मेने मना कर दिया तो बच्चे की क्लास बन्द कर दी, ग्रुपों से हटा दिया और अब झूठ बोलकर बिना मांगे टीसी जारी कर रहे है। इस घटनाक्रम से हमारा बच्चा बहुत परेशान रहने लगा है ना ठीक से खाना खा रहा है और ना ही किसी से बात कर रहा है। हमे डर लगने लगा है कि कही बच्चा बीमार ना हो जाये और स्कूल उसका भविष्य ना खराब कर देंवे। 

     प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने कहा कि स्कूल संचालको ने छात्र की ऑनलाइन क्लास बन्द कर पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर दी है जिसे बाल आयोग ने भी माना है, अभिभावक से चर्चा कर आगे की कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा। किन्तु जिस प्रकार वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल ने जो कृत्य किया है उसे इस कृत्य की सज़ा अवश्य मिलनी चाहिए। छात्र के माता-पिता स्कूल की इस घटना से डरे हुए है वह अब इस स्कूल में अपने बच्चे को पढ़ाना ही नही चाहते है। जिला शिक्षा अधिकारी को भी मामले में तत्काल संज्ञान लेकर कार्यवाही सुनिश्चित करवानी चाहिए।